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AI के खतरे: वैज्ञानिक ने चेतावनी दी, मानवता को हो सकता है नुकसान

गूगल के पूर्व कार्यकारी जेफ्री हिंटन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संभावित खतरों के बारे में चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि AI मानवता को समाप्त कर सकता है और इसके नियंत्रण में कंपनियों की क्षमता पर सवाल उठाया। हिंटन ने सुझाव दिया कि AI मॉडल में मातृ प्रवृत्ति को शामिल किया जाए ताकि तकनीक इंसानों की भलाई का ध्यान रख सके। जानें इस महत्वपूर्ण विषय पर उनकी विस्तृत राय।
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AI के खतरे: वैज्ञानिक ने चेतावनी दी, मानवता को हो सकता है नुकसान

AI में बढ़ते खतरे की चेतावनी

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में लगातार नए विकास हो रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही इसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहे हैं। एक प्रमुख वैज्ञानिक ने AI को मानवता के लिए एक संभावित खतरा बताया है। गूगल के पूर्व कार्यकारी जेफ्री हिंटन, जिन्हें AI का गॉडफादर माना जाता है, ने कहा है कि भविष्य में AI मानवता को समाप्त कर सकता है। टेक कंपनियों का इस तकनीक के प्रति दृष्टिकोण चिंताजनक है। 




नोबेल पुरस्कार विजेता कंप्यूटर वैज्ञानिक हिंटन ने सीएनएन के साथ बातचीत में कहा कि, AI के मानवता को खत्म करने की संभावना 10 से 20 प्रतिशत है। उन्होंने यह भी संदेह व्यक्त किया कि क्या कंपनियां यह सुनिश्चित कर पाएंगी कि मनुष्य AI पर नियंत्रण बनाए रखें। 




लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, लास वेगास में आयोजित एक इंडस्ट्री कॉन्फ्रेंस, Ai4 में बोलते हुए, हिंटन ने कहा कि AI मनुष्यों से कहीं अधिक बुद्धिमान हो सकते हैं और वे अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने यह सवाल उठाया कि क्या कंपनियां वास्तव में AI को नियंत्रित कर पाएंगी या यह इतना शक्तिशाली हो जाएगा कि मानव नियंत्रण से बाहर हो जाएगा, जिससे मानवता को खतरा हो सकता है। 




हिंटन ने चेतावनी दी कि भविष्य में, AI सिस्टम इंसानों को उतनी आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं जितनी आसानी से कोई वयस्क एक छोटे बच्चे को टॉफी देकर बहला सकता है। इस संदर्भ में, उन्होंने मानवता की सुरक्षा के लिए एक अनोखा उपाय सुझाया है। वह AI मॉडल में मातृ प्रवृत्ति को शामिल करने की बात करते हैं, ताकि तकनीक इंसानों से अधिक शक्तिशाली होने पर भी उनकी भलाई का ध्यान रख सके।