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AIIEA का 75वां स्थापना दिवस: सार्वजनिक बीमा के भविष्य की सुरक्षा का संकल्प

अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ (AIIEA) ने विशाखापत्तनम में अपने 75वें स्थापना दिवस का आयोजन किया। इस अवसर पर संघ ने सार्वजनिक बीमा क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अपने संकल्प को दोहराया। महासचिव के.एस. बाबू ने भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई और कर्मचारियों से एकजुट होने का आह्वान किया। यह समारोह केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा के भविष्य को सुरक्षित करने का प्रतीक है।
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AIIEA का 75वां स्थापना दिवस: सार्वजनिक बीमा के भविष्य की सुरक्षा का संकल्प

AIIEA का स्थापना दिवस समारोह

अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ (AIIEA) ने विशाखापत्तनम में अपने 75वें स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया। यह दिन संघ के गौरवमयी इतिहास और भारत में बीमा क्षेत्र के सार्वजनिककरण में इसके योगदान को दर्शाता है। 1949 में स्थापित, AIIEA ने भारतीय बीमा कंपनियों के राष्ट्रीयकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और साधारण बीमा निगम (GIC) जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के दिग्गजों का उदय हुआ। संघ का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करना और सार्वजनिक क्षेत्र में बीमा को सशक्त बनाना है, जो राष्ट्रीय हित और जन कल्याण को सुनिश्चित करता है।
वर्तमान में, AIIEA सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा को निजीकरण के बढ़ते खतरों का सामना कर रहा है, विशेषकर भाजपा सरकार की नीतियों के कारण। इस अवसर पर AIIEA के महासचिव के.एस. बाबू ने कहा कि भाजपा सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संघ राष्ट्रीय हित में सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
बाबू ने सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के खिलाफ, शेयरों के विनिवेश के खिलाफ, और तत्काल वेतन संशोधन की मांग को दोहराया। उन्होंने यह भी कहा कि संघ समाज के सभी वर्गों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज के विस्तार की वकालत कर रहा है। विशाखापत्तनम के क्षेत्रीय सचिव बी. नागेश्वर राव ने सभी कर्मचारियों से एकजुट होने का आह्वान किया। यह 75वां स्थापना दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा की रक्षा और उसके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक नए संकल्प का प्रतीक है।