Air India AI171 दुर्घटना: पायलट के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

Air India AI171 दुर्घटना की जांच पर उठे सवाल
Air India AI171 Crash: एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के हादसे के बाद, पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल के पिता, पुष्कराज सभरवाल, ने जांच प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि जांच में पारदर्शिता और विश्वसनीयता की कमी है और इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस दुर्घटना में 241 यात्रियों सहित कुल 260 लोगों की जान गई थी। 10 अक्टूबर को दायर की गई याचिका में, पुष्कराज सभरवाल और फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने मांग की है कि एयर इंडिया AI171 विमान दुर्घटना की जांच एक न्यायिक समिति की निगरानी में की जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि अब तक की सभी जांचों को बंद कर दिया जाए और सबूतों को एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली समिति को सौंपा जाए, जिसमें स्वतंत्र तकनीकी और विमानन विशेषज्ञ शामिल हों।
न्यायिक जांच की मांग
पुष्कराज ने याचिका में पहली मांग की है कि एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक न्यायिक निगरानी समिति या जांच आयोग का गठन किया जाए, जिसमें स्वतंत्र विमानन और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हों। इसका उद्देश्य 12.06.2025 को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर VT-ANB की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच करना है। दूसरी मांग में कहा गया है कि अब तक की सभी जांच रिपोर्टें, विशेष रूप से AAIB की 12 जुलाई 2025 की प्रारंभिक रिपोर्ट, को बंद किया जाए और सभी डेटा, रिकॉर्ड और साक्ष्यों को न्यायिक समिति को सौंपा जाए।
जांच पर गंभीर आरोप
याचिका में यह भी दावा किया गया है कि जांच एजेंसियों ने पायलट पर दोषारोपण करने की रणनीति अपनाई है, जिससे जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। इसमें कहा गया है कि AAIB द्वारा पायलट को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश ने जांच की स्वतंत्रता और ईमानदारी को प्रभावित किया है, जिससे ICAO अनुच्छेद 13 के तहत भारत की अंतरराष्ट्रीय जवाबदेही बनती है।
पिता ने उठाए अफवाहों पर सवाल
91 वर्षीय पुष्कराज सभरवाल ने इससे पहले 29 अगस्त को नागरिक उड्डयन सचिव और AAIB के महानिदेशक को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने रूल 12 के तहत औपचारिक जांच की मांग की थी। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया कि दुर्घटना को लेकर फैली अफवाहों ने न केवल उनकी मानसिक स्थिति को प्रभावित किया है, बल्कि उनके बेटे की छवि को भी नुकसान पहुंचाया है। यह भारत के नागरिक के रूप में कैप्टन सुमीत सभरवाल के अनुच्छेद 21 के तहत मूल अधिकार का उल्लंघन है।
AAIB की रिपोर्ट पर सवाल
पुष्कराज ने AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट को भ्रमित करने वाली और एकतरफा बताया। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में हादसे के तथ्य नहीं बताए गए, बल्कि पायलट पर आरोप लगाए गए और निर्माता कंपनी को क्लीन चिट दी गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की सामग्री और अन्य गोपनीय जानकारी मीडिया में लीक की गई, जिससे उनके बेटे की छवि को नुकसान पहुंचा।
उन्होंने बताया कि कैप्टन सभरवाल का तलाक 15 साल पहले हुआ था और उनकी मां की मृत्यु तीन साल पहले हुई थी। इसके बाद उन्होंने 100 से अधिक फ्लाइट्स का संचालन बिना किसी घटना के किया। 25 वर्षों के उड़ान करियर में उनके खिलाफ कोई गंभीर मामला नहीं रहा। उनके पास 15,638.22 घंटे की कुल उड़ान अनुभव है, जिसमें 8,596 घंटे बोइंग 787-8 पर हैं।
AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट
AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, टेकऑफ के तुरंत बाद विमान के दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई एक सेकंड के अंतराल में बंद हो गई, जिससे पायलट भ्रमित हो गए। रिपोर्ट में कॉकपिट बातचीत का हवाला दिया गया है। एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि तुमने फ्यूल कट क्यों किया? जवाब में उसने कहा, मैंने नहीं किया। AAIB ने बयान जारी कर कहा कि अभी यह अंतिम निष्कर्ष नहीं है, और सभी से अपील की कि जांच पूरी होने तक किसी भी प्रकार की अफवाह से बचें।
AI171 विमान हादसे में मृत पायलट के पिता ने अपने बेटे की प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है, जहां से एक निष्पक्ष, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सटीक जांच की उम्मीद की जा रही है।