Air India विमान दुर्घटना: जांच में जुटी टीम ने दी प्रारंभिक रिपोर्ट

Air India Crash: अहमदाबाद में विमान हादसे की जांच
Air India Crash: अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान दुर्घटना की जांच कर रही टीम ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है। इस हादसे में 260 लोगों की जान गई थी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि विमान दुर्घटना का असली कारण क्या था, क्योंकि रिपोर्ट में जांचकर्ताओं ने अपने निष्कर्षों का खुलासा नहीं किया है।
यह घटना 12 जून को हुई, जब लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट ने सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही क्षण बाद मेघाणीनगर क्षेत्र में एक छात्रावास से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में विमान में सवार 241 यात्रियों के साथ-साथ जमीन पर मौजूद कई लोग भी मारे गए। चमत्कारिक रूप से एक यात्री बच गया था।
ब्लैक बॉक्स से डेटा की रिकवरी और गोल्डन चेसिस का उपयोग
नागर विमानन मंत्रालय के अनुसार, विमान के फ्रंट ब्लैक बॉक्स से क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (CPM) को सुरक्षित रूप से प्राप्त कर लिया गया है। 25 जून 2025 को इसकी मेमोरी मॉड्यूल को सफलतापूर्वक एक्सेस किया गया और डेटा को दिल्ली स्थित एएआईबी लैब में डाउनलोड किया गया। सूत्रों ने बताया कि डेटा की पुष्टि के लिए एक डुप्लीकेट ब्लैक बॉक्स, जिसे 'गोल्डन चेसिस' कहा जाता है, का उपयोग किया गया। पहला ब्लैक बॉक्स 13 जून को घटनास्थल के एक भवन की छत से मिला था, जबकि दूसरा ब्लैक बॉक्स 16 जून को मलबे से बरामद हुआ था।
जांच टीम में भारतीय और अमेरिकी विशेषज्ञ शामिल
इस जांच का नेतृत्व विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं। टीम में भारतीय वायुसेना, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और अमेरिका की राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) के तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल हैं, क्योंकि दुर्घटनाग्रस्त विमान अमेरिका में डिजाइन और निर्मित हुआ था।
सूत्रों के अनुसार, NTSB की टीम वर्तमान में दिल्ली में है और भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर AAIB लैब में काम कर रही है। इसके अलावा, बोइंग और GE कंपनियों के प्रतिनिधि भी तकनीकी विश्लेषण में सहयोग कर रहे हैं।
अब देश में ही ब्लैक बॉक्स का विश्लेषण संभव
पहले भारत को विमान हादसों के ब्लैक बॉक्स का डेटा डिकोड करने के लिए यूके, यूएसए, फ्रांस, इटली, कनाडा और रूस जैसी देशों की लैब पर निर्भर रहना पड़ता था। अब दिल्ली में स्थापित अत्याधुनिक AAIB लैब में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) का विश्लेषण देश में ही संभव हो गया है।
अतीत में हुई कुछ बड़ी घटनाओं में ब्लैक बॉक्स डिकोडिंग विदेशों में हुई थी-
1996 में चर्खी दादरी क्रैश के डाटा को मास्को और यूके में डिकोड किया गया।
2010 मंगलुरु हादसे में NTSB अमेरिका ने ब्लैक बॉक्स की जांच की।
2015 दिल्ली विमान हादसे में कनाडा की ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड ने विश्लेषण किया।
2020 कोझिकोड हादसे में रिकॉर्डर भारत में तो डाउनलोड हुआ, लेकिन डेटा प्रोसेसिंग में NTSB की मदद ली गई।