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(अपडेट) विश्वहित की कामना रखने वाली हिन्दू जीवन शैली आचरण का विषय है : वी. शांताकुमारी

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(अपडेट) विश्वहित की कामना रखने वाली हिन्दू जीवन शैली आचरण का विषय है : वी. शांताकुमारी


(अपडेट) विश्वहित की कामना रखने वाली हिन्दू जीवन शैली आचरण का विषय है : वी. शांताकुमारी


-डॉ. मोहन भगवत ने देशभर से आयी हुई कार्यकर्ताओं के साथ किया संवाद -राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय कार्यकारिणी और प्रतिनिधि मंडल की हुई तीन दिवसीय बैठक

गुवाहाटी, 23 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका वी.शांताकुमारी ने रविवार को कहा कि विश्वहित की कामना रखने वाली हिन्दू जीवन शैली आचरण का विषय है, इसलिए हम सभी ने अपने जीवन में उसका आविर्भाव करना चाहिए। वे गुवाहाटी में अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधि मंडल की द्वितीय अर्धवार्षिक बैठक के तीन दिवसीय समापन सत्र को संबोधित कर रही थीं।

राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधि मंडल की बैठक में पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भगवत ने भी देशभर से आयी हुई कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया।

शांताकुमारी ने कहा कि हमारे राष्ट्र को वैभवशाली बनाने के लिए पंच परिवर्तन के विषयों को (स्वबोध, कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण और नागरिक कर्तव्य) व्यक्तिगत जीवन में अपने आचरण में लाते हुए समाज तक लेकर जाना होगा। उन्होंने कहा कि सभी प्रांतों को अपने कार्य की स्थिति का स्वोट विश्लेषण एक ऐसा ढांचा है जो आंतरिक और बाहरी ताकतों का आकलन करने और समझने में मदद करता है जो किसी संगठन के लिए अवसर या जोखिम पैदा कर सकते हैं।

आईआईटी गुवाहाटी परिसर में बीते शनिवार से चल रही इस बैठक के समापन में प्रमुख कार्यवाहिका ए सीता ने बैठक में चर्चित कार्य स्थिति, संपन्न किये गए विशेष कार्यक्रम और आगे करने वाले कार्य की योजना का ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि गुणवत्तायुक्त कार्य को बढ़ाते हुए इस वर्ष रानी दुर्गावती के 675वें स्मृतिवर्ष, रानी दुर्गावती की 501वीं और सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती को मानते हुए इन सभी के प्रेरणादायी जीवन चरित्र को लोगों के सामने रखना है और अपने जीवन में भी अंगीकार करना है।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधि मंडल की तीन दिवसीय बैठक बीते 21 फरवरी को आईआईटी गुवाहाटी में आरंभ हुई थी, जिसका आज समापन हुआ। इस बैठक में देश के 34 प्रांत से 107 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामानुज शर्मा