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Ankita Bhandari Murder Case: कोर्ट ने सुनाया फैसला, VIP कनेक्शन पर उठे सवाल

उत्तराखंड के अंकिता भंडारी हत्या मामले में अदालत ने तीन आरोपियों को दोषी ठहराया है। यह मामला न केवल राज्य में हलचल पैदा करने वाला था, बल्कि इसमें राजनीतिक दबाव और वीआईपी कनेक्शन जैसे गंभीर मुद्दे भी उठाए गए थे। जानें इस केस की पूरी कहानी, जनाक्रोश, और सरकार की प्रतिक्रिया के बारे में।
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Ankita Bhandari Murder Case: कोर्ट ने सुनाया फैसला, VIP कनेक्शन पर उठे सवाल

अंकिता भंडारी हत्या मामले का फैसला

Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड में हुए अंकिता भंडारी के हत्या मामले में लगभग दो साल और आठ महीने बाद अदालत का निर्णय आया है। इस चौंकाने वाले मामले में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य सहित तीन व्यक्तियों को दोषी ठहराया गया है। यह मामला न केवल राज्य में हलचल पैदा करने वाला था, बल्कि इसमें राजनीतिक दबाव और वीआईपी कनेक्शन जैसे गंभीर मुद्दे भी उठाए गए थे।


जनता का आक्रोश और न्याय की मांग

अंकिता भंडारी की हत्या के बाद जनता का आक्रोश इतना बढ़ गया कि लोग सड़कों पर उतर आए और न्याय की मांग करने लगे। हाईप्रोफाइल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जनदबाव इतना बढ़ा कि सरकार को सख्त कदम उठाने पड़े। अब जब अदालत ने अपना फैसला सुनाया है, तो आइए जानते हैं इस केस की पूरी कहानी और आरोपियों के बारे में।


दोषियों की पहचान

वनंतरा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, 35 वर्षीय मैनेजर सौरभ भास्कर और 19 वर्षीय कर्मचारी अंकित गुप्ता को अदालत ने दोषी ठहराया है। पुलकित, उत्तराखंड के पूर्व राज्य मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद आर्य का पुत्र है। इन तीनों को 21 सितंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था।


अंकिता की हत्या का विवरण

19 वर्षीय अंकिता भंडारी, जो यमकेश्वर स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थी, 18 सितंबर 2022 को अचानक लापता हो गई। छह दिन बाद, 24 सितंबर को एसडीआरएफ की टीम ने उसका शव चीला पावर हाउस की नहर से बरामद किया।


शुरुआत में इसे गुमशुदगी का मामला माना गया, लेकिन परिजनों और जनदबाव के चलते हत्या की एफआईआर दर्ज की गई। जांच में पता चला कि अंकिता को वीआईपी को विशेष सेवा देने के लिए मजबूर किया जा रहा था, और जब उसने मना किया, तो उसकी हत्या कर दी गई।


राजनीतिक कनेक्शन और जनाक्रोश

जब पुलकित आर्य के राजनीतिक संबंधों का खुलासा हुआ, तो जनता का गुस्सा और बढ़ गया। लोगों को डर था कि कहीं मामला दब न जाए, इसलिए सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। जब पुलिस आरोपियों को कोर्ट में ले जा रही थी, तब ग्रामीणों ने उनकी गाड़ी रोककर उनकी पिटाई कर दी।


अदालत में सुनवाई

उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में 500 पृष्ठों की चार्जशीट पेश की थी। अदालत ने पुलकित आर्य को IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना), 354A (शारीरिक शोषण) और ITPA एक्ट की धारा 3(1)(d) में दोषी पाया। वहीं, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को भी इसी तरह के आरोपों में दोषी ठहराया गया।


वीआईपी का रहस्य

इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि वह वीआईपी कौन था, जिसके लिए अंकिता पर दबाव डाला जा रहा था? इसके अलावा, हत्याकांड के बाद वनंतरा रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाने की घटना ने भी राजनीतिक हलचल पैदा की थी। इन सभी सवालों के जवाब जांच एजेंसियों के पास हैं, जिनका खुलासा भविष्य में हो सकता है।


22 दिन की नौकरी का अंत

अंकिता ने रिजॉर्ट में काम करना शुरू किया था, लेकिन केवल 22 दिनों में ही उसकी जान ले ली गई। परिजनों का आरोप है कि अंकिता के साथ लगातार मानसिक और नैतिक उत्पीड़न हो रहा था। जब उसने विशेष सेवा देने से मना किया, तो आरोपियों ने उसे नहर में धकेलकर हत्या कर दी।


सरकार की प्रतिक्रिया

धामी सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और पुलिस तथा एसआईटी को तेजी से जांच करने के निर्देश दिए। त्वरित कार्रवाई के कारण आरोपियों को जेल भेजा गया और कोर्ट में मजबूती से पैरवी की गई।