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Asia Cup 2025: भारत ने ट्रॉफी विवाद पर ACC अध्यक्ष से पूछे तीखे सवाल

एशिया कप 2025 के फाइनल में भारत की जीत के बाद ट्रॉफी न सौंपे जाने पर विवाद खड़ा हो गया। बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने एसीसी अध्यक्ष मोहसिन नकवी से तीखे सवाल पूछे, यह कहते हुए कि ट्रॉफी किसी एक व्यक्ति की संपत्ति नहीं है। मोहसिन नकवी ने अपनी सफाई में कहा कि उन्हें कोई सूचना नहीं मिली थी कि भारतीय टीम ट्रॉफी नहीं लेगी। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और भारतीय टीम की बिना ट्रॉफी के स्वदेश लौटने की घटना।
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Asia Cup 2025: भारत ने ट्रॉफी विवाद पर ACC अध्यक्ष से पूछे तीखे सवाल

भारत का एसीसी पर कड़ा ऐतराज

Asia Cup 2025: एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) की हालिया बैठक में भारत ने एशिया कप फाइनल के बाद ट्रॉफी न सौंपे जाने पर कड़ा विरोध जताया। बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने एसीसी अध्यक्ष मोहसिन नकवी के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए इसे 'अमानवीय और असंगत' करार दिया। भारत ने बैठक में स्पष्ट किया कि विजेता टीम को ट्रॉफी सौंपना एसीसी की जिम्मेदारी है, यह किसी एक व्यक्ति की निजी संपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं प्रतियोगिता की गरिमा को नुकसान पहुंचाती हैं और इस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।


बीसीसीआई ने ACC अध्यक्ष को घेरा

बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने बैठक में मोहसिन नकवी से सीधे सवाल किए कि विजेता टीम को ट्रॉफी क्यों नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि यह एसीसी की ट्रॉफी है, किसी एक व्यक्ति की नहीं। इसे औपचारिक रूप से विजेता टीम को सौंपा जाना चाहिए था। शुक्ला ने इस मुद्दे को तुरंत सुलझाने की आवश्यकता पर जोर दिया और एसीसी से इस मामले की गंभीरता से जांच करने की अपील की। उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के प्रमुख और ACC चेयरमैन मोहसिन नकवी से तीखे सवाल पूछे।


मोहसिन नकवी की सफाई

बैठक के दौरान मोहसिन नकवी ने अपनी सफाई में कहा कि वह वहां बिना वजह खड़े थे। उन्होंने कहा कि एसीसी को कहीं से भी यह सूचना नहीं मिली थी कि भारतीय टीम ट्रॉफी स्वीकार नहीं करेगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा किसी अन्य मंच पर की जाएगी और इसे बैठक में आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।


बिना ट्रॉफी के लौटी भारतीय टीम

यह विवाद तब उत्पन्न हुआ जब भारत ने एशिया कप फाइनल में शानदार जीत हासिल की। ट्रॉफी समारोह में असामान्य घटनाक्रम देखने को मिला, जब मोहसिन नकवी विजेता भारतीय टीम को ट्रॉफी सौंपने के बजाय उसे अपने पास रखकर चले गए। भारतीय टीम को मजबूरन बिना ट्रॉफी के ही जश्न मनाना पड़ा और वे स्वदेश लौट आए।