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BCCI ने घरेलू क्रिकेट के फॉर्मेट में किया बड़ा बदलाव

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने घरेलू क्रिकेट के फॉर्मेट में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। नए नियमों के तहत, अब सभी टूर्नामेंटों में टीमें 4 एलीट और 1 प्लेट ग्रुप में खेलेंगी। दलीप ट्रॉफी से शुरू होने वाले इस नए फॉर्मेट का उद्देश्य घरेलू क्रिकेट को और बेहतर बनाना है। जानें इस बदलाव के पीछे के कारण और नए नियमों की पूरी जानकारी।
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BCCI ने घरेलू क्रिकेट के फॉर्मेट में किया बड़ा बदलाव

बीसीसीआई का नया निर्णय

BCCI Change Domestic Format: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने घरेलू क्रिकेट के फॉर्मेट में महत्वपूर्ण बदलाव करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में 22 अगस्त को एक बैठक आयोजित की गई थी। अब घरेलू वनडे टूर्नामेंटों में प्लेट ग्रुप प्रणाली लागू की जाएगी। इस नए फॉर्मेट का आगाज दलीप ट्रॉफी से होगा, जो 28 अगस्त 2025 से शुरू होगी।


बदलाव की मुख्य बातें

ये हुआ सबसे बड़ा बदलाव


घरेलू क्रिकेट में नए बदलाव के तहत सभी टूर्नामेंटों में टीमें 4 एलीट और 1 प्लेट ग्रुप में खेलेंगी। सबसे निचले स्तर की 6 टीमें अब प्लेट ग्रुप में शामिल होंगी। पहले हर सीजन में प्लेट ग्रुप से 2 टीमें ऊपर जाती थीं, जबकि 2 नीचे आती थीं। अब केवल 1 टीम को प्रमोट या रिलिगेट किया जाएगा।



नए नियमों की सूची

ये हुए बदलाव



  1. प्लेट ग्रुप प्रणाली के तहत वनडे और टी20 टूर्नामेंटों में पिछले सीजन की सबसे निचली 6 टीमें प्लेट ग्रुप में होंगी।

  2. दलीप ट्रॉफी और सीनियर महिला चैलेंजर टूर्नामेंट में 6 जोनल टीमों के आधार पर खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा।

  3. सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और सीनियर महिला टी20 टूर्नामेंट में नॉकआउट मुकाबलों की जगह अब सुपर लीग स्टेज मुकाबले होंगे।

  4. विजय हजारे ट्रॉफी, सीनियर महिला वनडे ट्रॉफी और पुरुष अंडर-23 स्टेट ट्रॉफी में 4 एलीट ग्रुप और 1 प्लेट ग्रुप मॉडल लागू होगा। इसके अलावा, जूनियर और महिला टूर्नामेंटों में 5 एलीट और 1 प्लेट मॉडल होगा।


बदलाव का उद्देश्य

क्या है इन बदलाव का मकसद?


भारत में घरेलू क्रिकेट का नया सीजन 28 अगस्त से दलीप ट्रॉफी के साथ शुरू होगा और यह 3 अप्रैल 2026 तक सीनियर महिला अंतर-क्षेत्रीय बहु-दिवसीय ट्रॉफी तक चलेगा। बीसीसीआई का उद्देश्य इन बदलावों के माध्यम से घरेलू क्रिकेट को और बेहतर बनाना है, ताकि सभी स्तर की टीमों का प्रदर्शन सुधर सके और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का उभार हो सके।