BJP के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनावी प्रक्रिया तेज, चार राज्यों में नामांकन शुरू

BJP ने संगठनात्मक चुनावों की गति बढ़ाई
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के लिए संगठनात्मक चुनावों की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। इस क्रम में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन चार राज्यों में नए या मौजूदा नेताओं को पार्टी की कमान सौंपने की संभावना जताई जा रही है.
उत्तराखंड में महेंद्र भट्ट का नामांकन
उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने एक बार फिर अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र भरा है। सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व उन्हें दोबारा यह जिम्मेदारी सौंपने की योजना बना रहा है। भट्ट का कार्यकाल संगठनात्मक दृष्टि से पार्टी के लिए सकारात्मक रहा है.
हिमाचल प्रदेश में राजीव बिंदल की वापसी
हिमाचल प्रदेश में राजीव बिंदल, जो वर्तमान में प्रदेश अध्यक्ष हैं, ने फिर से अध्यक्ष पद के लिए नामांकन किया है। पार्टी उन्हें दोबारा जिम्मेदारी देने के मूड में है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा उन चेहरों को आगे लाने जा रही है जिनकी संगठन पर मजबूत पकड़ है.
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में नई लीडरशिप
तेलंगाना में पार्टी रामचंद्र राव को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की योजना बना रही है। भाजपा ने हाल के वर्षों में राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की है, और रामचंद्र राव को एक रणनीतिक चेहरा माना जाता है। वहीं, आंध्र प्रदेश में भाजपा टीडीपी गठबंधन सरकार का हिस्सा है, और यहां पीवीएन माधव को अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है। माधव का नाम दक्षिण भारत में भाजपा के संगठन विस्तार के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
19 राज्यों में होंगे संगठनात्मक चुनाव
भाजपा नेतृत्व ने निर्णय लिया है कि नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति से पहले कम से कम 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संगठनात्मक चुनाव पूरे होने चाहिए। अब तक 14 राज्यों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इन चार राज्यों में चुनावों के बाद कुल संख्या 18 हो जाएगी, यानी एक राज्य की प्रक्रिया शेष रह जाएगी.
राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए माहौल तैयार
भाजपा की प्राथमिकता है कि उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में जल्द से जल्द संगठनात्मक चुनाव संपन्न कर लिए जाएं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति से पहले संगठनात्मक ढांचा पूरी तरह से सक्रिय हो और पार्टी की एकजुटता का संदेश जाए.