सीबीआई ने गेनबिटकॉइन घोटाले में 60 से अधिक स्थानों पर की छापेमारी
नई दिल्ली, 25 फ़रवरी (हि.स.)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ‘गेनबिटकॉइन’ क्रिप्टोकरेंसी घोटाले की जांच के तहत देश भर में 60 से अधिक स्थानों पर व्यापक छापेमारी की है।
आधिकारिक बयान के अनुसार समन्वित तलाशी अभियान दिल्ली-एनसीआर, पुणे, चंडीगढ़, नांदेड़, कोल्हापुर, बेंगलुरु और अन्य प्रमुख शहरों में चलाए जा रहे हैं, जिसमें मुख्य आरोपित व्यक्तियों, उनके सहयोगियों और अपराध की आय को लूटने के संदिग्ध संस्थानों से जुड़े परिसरों को निशाना बनाया जा रहा है।
गेनबिटकॉइन घोटाले की पृष्ठभूमि
गेनबिटकॉइन एक कथित पोंजी स्कीम थी, जिसे 2015 में अमित भारद्वाज (मृतक), अजय भारद्वाज और उनके एजेंटों के नेटवर्क द्वारा शुरू किया गया था। यह योजना वैरिएबलटेक प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के मुखौटे के नीचे www.gainbitcoin.com आदि जैसी कई वेबसाइटों के माध्यम से संचालित होती थी।
धोखाधड़ी वाली इस योजना ने 18 महीनों तक बिटकॉइन में 10 प्रतिशत मासिक आकर्षक रिटर्न का वादा करके निवेशकों को लुभाया। निवेशकों को एक्सचेंजों से बिटकॉइन खरीदने और क्लाउड माइनिंग अनुबंधों के माध्यम से गेनबिटकॉइन के साथ निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। मॉडल ने मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) संरचना का पालन किया, जो आमतौर पर पिरामिड संरचित पोंजी योजनाओं से जुड़ा होता है, जहां भुगतान नए निवेशकों को लाने पर निर्भर करता था।
शुरू में निवेशकों को बिटकॉइन में भुगतान मिलता था। हालांकि, 2017 तक नए निवेशों की आमद कम होने के कारण योजना ध्वस्त होने लगी। घाटे को कवर करने के प्रयास में गेनबिटकॉइन ने एकतरफा भुगतान को एमसीएपी नामक अपनी कथित इन-हाउस क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया, जिसका मूल्य बिटकॉइन से काफी कम था, जिससे निवेशक और भी गुमराह हो गए।
देशभर में कई एफआईआर दर्ज की गईं, जिसमें बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया। घोटाले के विशाल पैमाने और जटिलता को देखते हुए जम्मू और कश्मीर, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों को भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को हस्तांतरित कर दिया।
सीबीआई ने इन मामलों को अपने हाथ में ले लिया और धोखाधड़ी की पूरी सीमा को उजागर करने, सभी आरोपित पक्षों की पहचान करने और अंतरराष्ट्रीय लेनदेन सहित गलत तरीके से इस्तेमाल किए गए धन का पता लगाने के लिए एक व्यापक जांच की।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा