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CDS जनरल अनिल चौहान का बड़ा बयान: पाकिस्तान को हराने की रणनीतियों का खुलासा

झारखंड की राजधानी रांची में, CDS जनरल अनिल चौहान ने स्कूली बच्चों के साथ बातचीत में 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तान को हराने की रणनीतियों का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए रात के अंधेरे में प्रिसिजन स्ट्राइक की। जनरल चौहान ने सेना की पारदर्शिता और भाई-भतीजावाद के अभाव पर भी जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं में सेना की भूमिका को भी रेखांकित किया। जानें इस महत्वपूर्ण संवाद के बारे में और अधिक।
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CDS जनरल अनिल चौहान का बड़ा बयान: पाकिस्तान को हराने की रणनीतियों का खुलासा

CDS अनिल चौहान का संवाद

CDS अनिल चौहान: झारखंड की राजधानी रांची में स्कूली बच्चों के साथ बातचीत करते हुए भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत ने पाकिस्तान को हर बढ़ते तनाव में निर्णायक रूप से पराजित किया। इस अवसर पर, उन्होंने बच्चों के सवालों का उत्तर देते हुए सेना की रणनीतियों, अनुशासन और देशभक्ति की भावना पर विस्तार से चर्चा की।


ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना की क्षमता

जनरल चौहान ने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया और पाकिस्तान को हर स्तर पर मात दी। उन्होंने विशेष रूप से रात्रि में लंबी दूरी तक प्रिसिजन स्ट्राइक करने की कठिनाई का उल्लेख किया, लेकिन भारतीय सेना ने इस मिशन को पूरी मजबूती से अंजाम दिया।


रात 1 बजे स्ट्राइक का कारण

रात 1 बजे क्यों किए गए स्ट्राइक?


सीडीएस अनिल चौहान ने बताया कि 7 मई को आतंकियों के ठिकानों पर रात 1 बजे से 1:30 बजे के बीच हमला किया गया। उन्होंने कहा कि यह समय इसलिए चुना गया क्योंकि यह सबसे अंधेरा समय होता है, जिससे उपग्रह से तस्वीरें और सबूत जुटाना कठिन होता है। फिर भी, हमने उस समय स्ट्राइक किया क्योंकि हमें अपनी क्षमताओं पर भरोसा था।


उन्होंने यह भी बताया कि इस समय को चुनने का एक और कारण आम नागरिकों की सुरक्षा था। यदि हमला सुबह 5:30 से 6 बजे के बीच होता, तो नागरिकों की आवाजाही शुरू हो जाती, जिससे हताहतों की संख्या बढ़ सकती थी। इसलिए, हमने 1 से 1:30 का समय चुना।


सेना में भाई-भतीजावाद का अभाव

'सेना: जहां नहीं है भाई-भतीजावाद'


बच्चों के साथ बातचीत में जनरल चौहान ने सेना को देश की सबसे पारदर्शी संस्था बताया। उन्होंने कहा कि फौज ही एकमात्र ऐसा स्थान है जहां भाई-भतीजावाद की कोई जगह नहीं है। यहां केवल काबिलियत और अनुशासन से ही आगे बढ़ा जा सकता है। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि यदि वे देश की सेवा करना चाहते हैं, तो उन्हें सेना में शामिल होने का सपना देखना चाहिए।


प्राकृतिक आपदाओं में सेना की भूमिका

प्राकृतिक आपदाओं में सेना की भूमिका


सीडीएस अनिल चौहान ने इस वर्ष प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सेना की भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों ने ना केवल सीमाओं की रक्षा की, बल्कि नागरिकों को आपदाओं से बचाने और सुरक्षित निकालने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।