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छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित सेक्स सीडी कांड मामले में विशेष न्यायालय में बतौर आरोपित पेश हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

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छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित सेक्स सीडी कांड मामले में विशेष न्यायालय में बतौर आरोपित पेश हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल


रायपुर, 25 फरवरी (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित सेक्स सीडी कांड मामले में मंगलवार को सात साल बाद रायपुर कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में बतौर आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उनके मीडिया सलाहकार विनोद वर्मा, कैलाश मुरारका, विजय पांड्या और विजय भाटिया कोर्ट में उपस्थित हुए। अब मामले की अगली सुनवाई 4 मार्च को होगी।

सीबीआई का कहना है कि अगस्त 2017 में रिंकू खनूजा और विजय पांड्या ने सीडी बनवाई। 14 अगस्त 2017 को रिंकू, विजय और कैलाश मुरारका मुंबई गए, जहां वे दो दिनों तक एक होटल में ठहरे। सीबीआई के अनुसार तीनों ने मुंबई में मानस साहू के स्टूडियो में सीडी देखी। सरकारी गवाह लवली खनूजा ने भी सीबीआई को बताया कि 23 अगस्त को रिंकू ने उनसे इस मामले में संपर्क किया था।

उल्लेखनीय है कि 27 अक्टूबर, 2017 की सुबह छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया वालों को एक सीडी बांटी थी।बताया जाता है कि उस सीडी में बेहद ही आपत्तिजनक और अश्लील वीडियो थी। भूपेश बघेल ने दावा किया था कि वीडियो में दिख रही महिला के साथ जो व्यक्ति है, वो मंत्री राजेश मूणत है। मंत्री राजेश मूणत ने इसका विरोध करते हुए सीडी को फर्जी बताया था और उस वक्त के रहे सीएम डॉ. रमन सिंह से मामले की जांच करने की मांग की थी। मामले में भूपेश बघेल के मीडिया सलाहकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार किया था और पुलिस ने बताया कि उनके घर से इस वीडियो क्लिप की 500 सीडी और 2 लाख नकद मिले हैं।

कोर्ट ने इस मामले में आज सभी आरोपितों को कोर्ट में पेश होने का समन जारी किया था। मंगलवार को सभी आरोपित विशेष न्यायाधीश भूपेंद्र कुमार बसंत की कोर्ट में उपस्थित हुए। वहीं, भूपेश बघेल कोर्ट में हाजिरी देने के बाद विधानसभा के लिए रवाना हो गए जबकि बाकी आरोपित कोर्ट में मौजूद रहे।मामले में एक आरोपित रिंकू खनूजा की मौत हो चुकी है।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैसल रिजवी ने बताया कि अब कोर्ट में 4 मार्च को सीडी कांड में बहस होगी। अधिवक्ता रिजवी ने कहा कि कोर्ट में आज सीबीआई बनाम कैलाश मुरारका और अन्य के विरुद्ध जांच पर बहस थी। सीबीआई ने बहस पूरी कर ली है। 4 मार्च को अभियुक्त के वकील बहस करेंगे। कोर्ट में सीबीआई ने बताया कि 2017 में मुंबई में मानस साहू ने सीडी को मॉर्फ किया और उसके साथ पैसों का लेनदेन हुआ। सीडी बनने के करीब सालभर बाद दिल्ली में उसकी कॉपी की गई। सीबीआई ने कोर्ट में बताया कि उनके पास सभी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य मौजूद है।

सीडी कांड की सुनवाई पिछले 7 सालों से नहीं हुई थी। 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी और केस को दिल्ली ट्रांसफर करने का आवेदन किया गया। सीबीआई ने यह संदेह जताते हुए कि रायपुर कोर्ट में सुनवाई होने से केस को प्रभावित किया जा सकता है। मामले को ट्रांसफर करने आवेदन किया था। हाल ही में दिल्ली की कोर्ट ने यह निर्णय लिया कि यह मामला ट्रांसफर नहीं किया जाएगा, जिसके बाद अब रायपुर के सीबीआई के विशेष कोर्ट में केस चलेगा। केस डायरी भी दिल्ली से रायपुर पहुंच चुकी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा