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CJI पर जूता फेंकने वाले वकील के खिलाफ सख्त कार्रवाई

भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने सख्त कार्रवाई की है। उनकी अस्थायी सदस्यता समाप्त कर दी गई है और उनके खिलाफ बेंगलुरु में FIR भी दर्ज की गई है। इस घटना के बाद न्यायपालिका की गरिमा को बनाए रखने के लिए कानूनी और अनुशासनात्मक कदम उठाए गए हैं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
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CJI पर जूता फेंकने वाले वकील के खिलाफ सख्त कार्रवाई

CJI पर हमले की कोशिश के बाद कार्रवाई

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई पर जूता फेंकने का प्रयास करने वाले वकील राकेश किशोर के खिलाफ कठोर कदम उठाए गए हैं। इस गंभीर अवमानना के मामले में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने उनकी अस्थायी सदस्यता को समाप्त कर दिया है, साथ ही उनके सुप्रीम कोर्ट परिसर में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है। इसके अलावा, बेंगलुरु में उनके खिलाफ एक आपराधिक FIR भी दर्ज की गई है।


SCBA ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करते हुए राकेश किशोर की अस्थायी सदस्यता को तुरंत प्रभाव से समाप्त करने का निर्णय लिया। इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि उनका नाम एसोसिएशन की सूची से हटा दिया जाएगा और उनके नाम पर जारी सभी कार्ड रद्द कर लिए जाएंगे। SCBA ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को भी सूचित किया है ताकि किशोर के एक्सेस कार्ड को तुरंत रद्द किया जा सके और उनके अदालत परिसर में प्रवेश पर स्थायी रोक लग सके।


इसके साथ ही, बेंगलुरु पुलिस ने अखिल भारतीय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष भक्तवचला की शिकायत पर वकील राकेश किशोर के खिलाफ FIR दर्ज की है। यह प्राथमिकी भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 132 (लोक सेवक को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला) और 133 (अपमान करने के इरादे से हमला) के तहत दर्ज की गई है, जिससे अब उन पर कानूनी शिकंजा भी कस गया है।


यह ध्यान देने योग्य है कि घटना के दिन खुद CJI बी.आर. गवई ने उदारता दिखाते हुए वकील को छोड़ने के लिए कहा था और दिल्ली पुलिस ने भी पूछताछ के बाद उन्हें जाने दिया था। लेकिन अब न्यायपालिका की गरिमा पर हमले के इस मामले में कानूनी और अनुशासनात्मक कार्रवाई तेज हो गई है।