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CM Yogi का बड़ा फैसला: टीईटी के आदेश के खिलाफ उठाएंगे कदम, लाखों शिक्षकों को मिलेगी राहत

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीईटी के आदेश के खिलाफ कदम उठाने का निर्णय लिया है, जिससे लाखों शिक्षकों को राहत मिलने की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश ने कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया था, जिससे लगभग 1.5 लाख शिक्षक चिंतित हो गए थे। सीएम ने शिक्षकों के अनुभव और सेवा को महत्व देते हुए समीक्षा याचिका दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
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CM Yogi का बड़ा फैसला: टीईटी के आदेश के खिलाफ उठाएंगे कदम, लाखों शिक्षकों को मिलेगी राहत

सीएम योगी का टीईटी आदेश पर प्रतिक्रिया

CM Yogi on SC TET Order: उत्तर प्रदेश के शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर आई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन शिक्षकों के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है, जिन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास किए बिना नियुक्त किया गया था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों के लिए टीईटी को अनिवार्य कर दिया गया, जिससे लगभग डेढ़ लाख शिक्षक चिंतित हो गए थे।


मुख्यमंत्री योगी ने सेवारत शिक्षकों की सेवा और अनुभव को नजरअंदाज करने पर असहमति जताई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार शिक्षकों की योग्यता और उनके अनुभव का सम्मान करती है। इसी संदर्भ में, उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।




सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय में मजबूती से अपना पक्ष रखे। उनका मानना है कि पहले से कार्यरत शिक्षक लंबे समय से बच्चों की शिक्षा व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। समय-समय पर सरकार द्वारा उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाता रहा है, जिससे वे बदलते दौर और शिक्षा प्रणाली की मांगों के अनुरूप शिक्षण कर सकें।


सीएम योगी ने कहा, "प्रदेश सरकार शिक्षकों की योग्यता और अनुभव का सम्मान करती है। उनकी वर्षों की सेवा को केवल एक परीक्षा के आधार पर नकारा जाना उचित नहीं है। हमारा प्रयास रहेगा कि शिक्षक निश्चिंत होकर बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दें और उनकी सेवाओं का सम्मान बना रहे।"


लाखों शिक्षकों की चिंता

सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर को आदेश दिया था कि कक्षा एक से आठवीं तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य होगा। इस आदेश से प्रदेश के लगभग 1.5 लाख शिक्षक प्रभावित होंगे, जो बिना टीईटी पास किए ही नियुक्त हुए हैं। शिक्षकों का कहना है कि वर्षों तक शिक्षा व्यवस्था में योगदान देने के बावजूद यदि उन्हें केवल एक परीक्षा के आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया गया, तो इससे उनके भविष्य और परिवार की आजीविका पर संकट खड़ा हो जाएगा।


सरकार की मंशा साफ

योगी सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह शिक्षकों के साथ खड़ी है। सरकार का मानना है कि शिक्षकों का अनुभव शिक्षा व्यवस्था की बड़ी पूंजी है, और इसे अनदेखा करना बच्चों की पढ़ाई पर भी असर डाल सकता है। अब नजर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होने वाली समीक्षा याचिका पर होगी, जिससे लाखों शिक्षकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।