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COP30 सम्मेलन में भारत की भूमिका और ब्राजील की नई पहल

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने COP30 सम्मेलन से पहले ब्राजील की नई जलवायु पहल की जानकारी दी। इस पहल के तहत उष्णकटिबंधीय वनों के संरक्षण के लिए एक प्रदर्शन-आधारित निधि का प्रस्ताव है। भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा में उल्लेखनीय प्रगति की है और COP30 में जलवायु वित्त, न्यायसंगत बदलाव, और प्रौद्योगिकी कार्यान्वयन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। यह सम्मेलन वैश्विक सहयोग और सतत विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनेगा।
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COP30 सम्मेलन में भारत की भूमिका और ब्राजील की नई पहल

नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री की घोषणा


नई दिल्ली: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने आगामी 30वें कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज (COP30) शिखर सम्मेलन से पहले जानकारी दी है कि ब्राजील ने उष्णकटिबंधीय वनों के संरक्षण के लिए एक नई वैश्विक पहल, 'ट्रॉपिकल फॉरेस्ट्स फॉरएवर फ़ैसिलिटी (TFFF)' का प्रस्ताव रखा है। यह एक प्रदर्शन-आधारित निधि होगी, जो उष्णकटिबंधीय वनों के संरक्षण के लिए सबसे बड़ा बहुपक्षीय तंत्र बन सकती है।


TFFF योजना का उद्देश्य

इस योजना के अंतर्गत, उपग्रहों द्वारा सत्यापित संरक्षण कार्यों के आधार पर देशों को स्थिर भुगतान किया जाएगा, जिसमें 20% राशि मूल निवासियों के लिए आरक्षित होगी। इसका मुख्य उद्देश्य वनों की कटाई के आर्थिक प्रोत्साहनों को कम करना और सतत विकास को बढ़ावा देना है।


COP30 सम्मेलन का महत्व

भूपेंद्र यादव ने बताया कि दुनिया कार्बन उत्सर्जन में कमी और जैव विविधता संरक्षण में उष्णकटिबंधीय वनों की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता दे रही है। ब्राजील जैसे देश, जिनके पास अमेजन जैसे विशाल वन भंडार हैं, इस दिशा में नेतृत्व करने की स्थिति में हैं।


बेलेम में COP30 सम्मेलन


अमेजन के केंद्र बेलेम में होने वाला COP30, पेरिस समझौते की 10वीं वर्षगांठ को भी चिह्नित करेगा। यह सम्मेलन वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव के बावजूद जलवायु मुद्दों पर एकजुटता की आवश्यकता को दर्शाता है।


भारत की प्रगति और योगदान

भारत की प्रगति और योगदान


भूपेंद्र यादव ने बताया कि भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा में उल्लेखनीय प्रगति की है। 2014 में 2.7 गीगावाट से बढ़कर अब 127 गीगावाट की क्षमता हासिल की है, जो लगभग 45 गुना वृद्धि है। उन्होंने कहा कि भारत ने एलएमडीसी और ब्रिक्स जैसे समूहों के साथ मिलकर उत्सर्जन तीव्रता में कमी लाई है।


दिल्ली के वायु प्रदूषण पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बीएस-6 ईंधन और औद्योगिक नियंत्रण उपायों से प्रगति हुई है, हालांकि प्रदूषण का स्तर अभी भी चुनौती बना हुआ है। वन्यजीव संरक्षण की दिशा में भारत की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि चीतों की तीसरी पीढ़ी का जन्म और वन क्षेत्र में निरंतर वृद्धि देश को दुनिया में तीसरे स्थान पर रखती है।


COP30 में चर्चा के प्रमुख मुद्दे

COP30 में होने वाली प्रमुख चर्चाएं



  • जलवायु वित्त: 100 अरब डॉलर के वार्षिक संकल्प को पूरा करने, बहुपक्षीय बैंकों में सुधार और निजी निवेश को सक्रिय करने पर ज़ोर।

  • न्यायसंगत बदलाव और शमन: जीवाश्म ईंधनों से न्यायपूर्ण संक्रमण के लिए वैश्विक कार्य कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना।

  • प्रौद्योगिकी कार्यान्वयन: दुबई COP में तय वैश्विक स्टॉकटेक के अंतर को पाटने के लिए स्थानांतरण प्रक्रिया को तेज़ करना।

  • लैंगिक कार्य योजना: जलवायु लचीलापन निर्माण में महिलाओं की भूमिका को सशक्त बनाना।


भारत की नैतिक भूमिका

'पंचामृत' से प्रेरित भारत की भूमिका


भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह सम्मेलन पेरिस समझौते के बाद बहुपक्षवाद में विश्वास बहाल करने का अवसर है। भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'पंचामृत सिद्धांतों' से प्रेरित होकर विज्ञान और अध्यात्म को जोड़ते हुए नैतिक संवाद को आगे बढ़ाएगा।


11 नवंबर से शुरू होने वाला COP30 जलवायु सम्मेलन वैश्विक सहयोग और सतत विकास के लिए एक निर्णायक मंच बनने जा रहा है, जहां भारत समानता, लचीलापन और न्यायपूर्ण बदलाव के एजेंडे को प्रमुखता से रखेगा।