CP Radhakrishnan: NDA का उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार, ओबीसी समुदाय को साधने की रणनीति

CP Radhakrishnan का नामांकन
CP Radhakrishnan NDA उम्मीदवार: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वे ओबीसी गौंडर समुदाय से आते हैं, जो विशेष रूप से तमिलनाडु के कोंगु क्षेत्र में राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जाते हैं। यह समुदाय पारंपरिक रूप से कृषि से जुड़ा हुआ है और स्थानीय चुनावों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है। राधाकृष्णन की उम्मीदवारी भाजपा के लिए इस समुदाय के मतदाताओं को आकर्षित करने का एक प्रयास है।
भाजपा की रणनीति
भाजपा के लिए खास रणनीतिक कदम
राधाकृष्णन का चयन कोंगु वेल्लालर उपजाति के नेता के रूप में भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है। एआईएडीएमके के प्रमुख एडप्पादी के. पलानीस्वामी और भाजपा के तमिलनाडु नेता के. अन्नामलाई भी इसी समुदाय से हैं। इस साझा जातिगत पहचान ने गठबंधन को मजबूती प्रदान की है और पश्चिमी तमिलनाडु में ओबीसी वोट बैंक को एकजुट रखने में मदद की है। यह नामांकन 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की संवेदनशीलता को भी दर्शाता है।
समुदाय में असंतोष का समाधान
नेतृत्व परिवर्तन के बाद क्षति नियंत्रण
हाल ही में भाजपा ने तमिलनाडु के अध्यक्ष के. अन्नामलाई को पद से हटा दिया था, जिससे गौंडर समुदाय में असंतोष फैल गया था। ऐसे समय में राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भाजपा के लिए इस समुदाय को फिर से जोड़ने का एक प्रयास है। इससे गठबंधन को राजनीतिक नुकसान से बचाने में मदद मिली है और समुदाय का पार्टी के प्रति विश्वास भी बढ़ा है।
आरएसएस से जुड़ाव
RSS से गहरा जुड़ाव
राधाकृष्णन का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से लंबा जुड़ाव उनकी उम्मीदवारी को और मजबूत बनाता है। वे 16 वर्ष की उम्र से आरएसएस के सक्रिय सदस्य रहे हैं, और संगठन के प्रति उनकी वफादारी उनकी वैचारिक मजबूती का प्रमाण है। यह संतुलन उन्हें जातिगत और राजनीतिक दोनों स्तरों पर एक प्रभावी नेता बनाता है। इस प्रकार, सीपी राधाकृष्णन की उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भाजपा की तमिलनाडु में रणनीति का हिस्सा है, जो ओबीसी वोट बैंक को मजबूत करने और चुनावी मोर्चे पर सफल बनाने का प्रयास दर्शाता है।
राधाकृष्णन का आभार
राधाकृष्णन ने सभी का जताया आभार
एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनाए जाने के बाद सीपी राधाकृष्णन ने एक भावनात्मक संदेश साझा किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, पार्टी के संसदीय बोर्ड के सदस्यों और एनडीए के सभी सहयोगियों का दिल से आभार व्यक्त किया। राधाकृष्णन ने कहा कि उन्हें जो विश्वास और समर्थन मिला है, उससे वह बेहद भावुक और अभिभूत हैं।
सेवा का वचन
संदेश से दिया सेवा का वचन
अपने संदेश में उन्होंने यह वादा किया कि जब तक उनके शरीर में प्राण हैं, वे राष्ट्र की सेवा में समर्पित रहेंगे। उन्होंने इसे न केवल एक जिम्मेदारी, बल्कि देश की सेवा का एक पवित्र अवसर बताया। राधाकृष्णन ने यह भी कहा कि यह विश्वास उन्हें और अधिक कर्तव्यनिष्ठ और समर्पित भाव से कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
राष्ट्र प्रथम की भावना
राष्ट्र प्रथम की भावना
अपने संदेश के अंत में उन्होंने "जय हिंद" का उद्घोष करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि उनका पूरा जीवन देशहित और राष्ट्रसेवा के लिए समर्पित रहेगा। यह बयान न केवल उनके भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि उन्हें पार्टी की ओर से इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपे जाने पर कितना गर्व है।