कंपनी के बॉस की व्हाटसअप डीपी लगाकर 78 लाख की ठगी, तीन गिरफ्तार
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लखनऊ, 25 फ़रवरी (हि.स.। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मंगलवार को अन्तरराज्यीय संगठित साइबर ठगों के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो व्हाट्सएप पर किसी की फर्जी डीपी लगाकर लोगों को ठगने का काम कर रहा था। इस गिरोह ने कंपनी के बॉस की प्रोफाइल फोटो लगाकर उनके अकाउंट मैनेजर से संवेदनशील जानकारी हासिल की। साथ ही साथ 78 लाख रुपये फर्जी खाते में ट्रांसफर करवा लिए। पुलिस टीम ने मुख्य आरोपी सहित तीन लोगों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है।
साइबर क्राइम थाना प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार यादव ने बताया कि यह मामला 17 फरवरी को सामने आया जब कंपनी के अकाउंट मैनेजर सर्वेश द्विवेदी ने शिकायत दर्ज कराई कि किसी साइबर अपराधी ने कंपनी के बॉस की व्हाट्सएप डीपी का गलत इस्तेमाल कर उनके नाम से चैट की और जरूरी बैंकिंग डिटेल्स लेकर 78 लाख रुपये गबन कर लिए। इस घटना के बाद लखनऊ साइबर क्राइम थाना में आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
पुलिस आयुक्त लखनऊ के निर्देश पर साइबर क्राइम थाना प्रभारी के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने जांच शुरू की। टीम ने तकनीकी संसाधनों और खुफिया जानकारी का उपयोग करते हुए मुख्य अभियुक्त सहित कुल तीन आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपितों में मुजफ्फरनगर के ग्राम तेवड़ा निवासी अमजद, जम्मू कश्मीर का रहने वाला इब्राहिम डार, एहसान उल हक शामिल है। पूछताछ में बताया कि वे साइबर ठग है। उन्होंने कंपनी के बॉस की प्रोफाइल फोटो को कॉपी कर उसे व्हाट्सएप डीपी के रूप में सेट किया। इसके बाद उन्होंने कंपनी के विभिन्न अकाउंट मैनेजर्स से चैटिंग कर बैंकिंग से जुड़ी गोपनीय जानकारी हासिल कर ली। जैसे ही उन्हें बैंक डिटेल्स मिली, उन्होंने 78 लाख रुपये एक फर्जी खाते में ट्रांसफर करवा लिए और फरार हो गए।
प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि यह साइबर गिरोह बड़े पैमाने पर ऐसे अपराधों में लिप्त था और देशभर में कई ठगी के मामलों को अंजाम दे चुका था। पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है और फर्जी खातों की जानकारी खंगाल रही है। जिससे इस बड़े साइबर नेटवर्क का पूरी तरह भंडाफोड़ किया जा सके।
हिन्दुस्थान समाचार / दीपक