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अमेरिका में गर्भवती महिला के साथ दोस्ती का अमानवीय धोखा: एक डरावनी सच्चाई

एक भयावह घटना में, अमेरिका के मैरीलैंड में एक महिला ने अपनी गर्भवती सहेली के साथ अमानवीय व्यवहार किया। यह मामला 2009 का है, जब टेका एडम्स ने वेरोनिका डेरामस पर भरोसा किया, लेकिन वेरोनिका ने उसे धोखा दिया। जानिए कैसे टेका ने अपनी जान और अपने अजन्मे बच्चे की रक्षा की और अदालत में इस मामले का क्या हुआ।
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अमेरिका में गर्भवती महिला के साथ दोस्ती का अमानवीय धोखा: एक डरावनी सच्चाई

भरोसे का विश्वास तोड़ा गया


आज के दौर में दोस्ती को एक मजबूत सहारे और विश्वास का प्रतीक माना जाता है, लेकिन अमेरिका के मैरीलैंड में एक घटना ने इस रिश्ते को कलंकित कर दिया है। यह मामला इतना भयानक है कि इसे सुनकर किसी की भी रूह कांप उठेगी। एक महिला ने अपनी गर्भवती मित्र के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार किया, जिसकी कल्पना भी डरावनी फिल्मों में की जाती है।


दोस्ती का धोखा

यह घटना 2009 की है। पीड़िता टेका एडम्स की मुलाकात वेरोनिका डेरामस से एक शेल्टर होम में हुई थी। कुछ ही घंटों में उनकी पहचान गहरी दोस्ती में बदल गई। टेका गर्भवती थीं और कठिन परिस्थितियों का सामना कर रही थीं, इसलिए उन्होंने वेरोनिका पर पूरा भरोसा किया। लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि जिस महिला को वह अपनी सहेली मान रही हैं, वही उनके और उनके अजन्मे बच्चे के लिए सबसे बड़ा खतरा बन जाएगी।


भयानक हमला

दोस्ती के नाम पर वेरोनिका ने टेका को अपने घर आने के लिए राजी कर लिया। मिरर यूके की रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही टेका उसके घर पहुंची, वेरोनिका ने अचानक उस पर हमला कर दिया। उसका इरादा बेहद डरावना था; वह टेका का पेट काटकर उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को चुराना चाहती थी। वेरोनिका ने बॉक्स कटर से टेका के पेट पर वार किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई।


मां की अदम्य शक्ति

हालात कितने भी भयानक क्यों न हों, मां की ताकत सबसे बड़ी होती है। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद, टेका ने हार नहीं मानी। अपने बच्चे को बचाने के लिए वह खून से लथपथ हालत में वेरोनिका के घर से बाहर निकल गई। दर्द और कमजोरी के बावजूद, वह मदद के लिए दौड़ती रही। अंततः उसे सहायता मिली और समय पर अस्पताल पहुंचाया गया। 6 दिसंबर 2009 को टेका ने एक बच्ची को जन्म दिया, जिसका नाम उन्होंने 'मिरेकल' रखा, जो सचमुच एक चमत्कार था।


अदालत में सच का सामना

यह मामला अदालत तक पहुंचा। टेका ने कोर्ट में कहा कि अगर वह कुछ देर और वहां रुक जातीं, तो शायद वह और उनका बच्चा दोनों जिंदा नहीं बचते। उन्होंने अदालत में अपनी बच्ची को दिखाते हुए कहा कि यही वह बच्ची है, जिसे उनसे छीनने की कोशिश की गई थी। वहीं, आरोपी वेरोनिका ने खुद को बचाने के लिए कई झूठे दावे किए। उसने कहा कि टेका अपना बच्चा पैसे के बदले बेचना चाहती थी और उसने शराब पी रखी थी, इसलिए उसे कुछ याद नहीं। लेकिन कोर्ट ने इन सभी दलीलों को खारिज कर दिया।


सजा का ऐलान

जज सी. फिलिप निकोल्स जूनियर ने वेरोनिका को एक खतरनाक और शातिर अपराधी माना। अदालत ने उसे प्रथम श्रेणी के हमले के लिए 25 साल की जेल और अवैध रूप से कैद करने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई। यह घटना न केवल विश्वास के टूटने की कहानी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि मां की ममता और हिम्मत किसी भी हैवानियत के सामने झुकती नहीं है।