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गुजरात में साइबर अपराध पर नकेल कसने के लिए पुलिस का बड़ा अभियान

गुजरात में साइबर अपराधों पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस ने एक विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत संदिग्ध बैंक खातों की पहचान की जा रही है, और अब तक 1,080 खाताधारकों का सत्यापन किया गया है। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे अपने बैंक खातों की जानकारी साझा न करें। यदि किसी को साइबर ठगी का संदेह हो, तो तुरंत शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी गई है। इस अभियान का उद्देश्य साइबर अपराधियों के नेटवर्क को उजागर करना और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना है।
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गुजरात में साइबर अपराध पर नकेल कसने के लिए पुलिस का बड़ा अभियान

गुजरात पुलिस का विशेष ऑपरेशन

गुजरात में साइबर अपराधों को नियंत्रित करने के लिए राज्य पुलिस ने एक व्यापक अभियान की शुरुआत की है। पुलिस के आईजी अशोककुमार यादव ने जानकारी दी कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य संदिग्ध बैंक खातों की पहचान करना है। पूरे राज्य में ऐसे खातों की जांच की जा रही है, जिनका उपयोग साइबर धोखाधड़ी में होने की आशंका है।



आईजी यादव के अनुसार, राजकोट क्षेत्र में इस ऑपरेशन के तहत 1,080 बैंक खाताधारकों का सत्यापन किया गया। जांच में यह पाया गया कि इनमें से कई खातों का उपयोग ऑनलाइन ठगी और फर्जी लेन-देन के मामलों में किया गया था। अब तक 54 मामलों में FIR दर्ज की जा चुकी है।


पुलिस अधिकारियों का कहना है कि साइबर अपराधी अक्सर आम लोगों के नाम पर बैंक खाते खोलते हैं या उन्हें लालच देकर उनके खातों का दुरुपयोग करते हैं। ऐसे खातों को म्यूल अकाउंट कहा जाता है। इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है।


आईजी यादव ने बताया कि जिन खाताधारकों के खाते साइबर अपराध में शामिल पाए गए हैं, उनसे पूछताछ की जा रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वे जानबूझकर इसमें शामिल थे या धोखे में थे। इसके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गुजरात पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी के कहने पर अपने बैंक खाते, एटीएम कार्ड, ओटीपी या केवाईसी से संबंधित जानकारी साझा न करें।


इसके अलावा, यदि किसी को साइबर ठगी का संदेह हो या वे इसका शिकार बनें, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं। पुलिस ने कहा है कि आने वाले दिनों में इस अभियान को और तेज किया जाएगा, ताकि साइबर अपराधियों के पूरे नेटवर्क को उजागर कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सके।