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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आत्मसमर्पण: सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता

छत्तीसगढ़ में उदंती क्षेत्र के सभी सक्रिय नक्सली सदस्यों ने आत्मसमर्पण कर दिया है, जिसमें सात कुख्यात नक्सली शामिल हैं। यह घटना पुलिस की नक्सल विरोधी मुहिम में एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। आत्मसमर्पण करने वालों में प्रमुख नाम सुनील, अरिना टेकाम, विद्या, लुडरो, नंदनी, मल्लेशा और कान्ती शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि यह आत्मसमर्पण न केवल सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर शांति स्थापना के प्रयासों को भी बल देगा।
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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आत्मसमर्पण: सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता

नक्सलियों का आत्मसमर्पण

राज्य की पुनर्वास नीति के अंतर्गत, उदंती क्षेत्र के सभी सक्रिय नक्सली सदस्यों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें सात प्रमुख नक्सली शामिल हैं, जिन पर इनाम घोषित था। यह घटना छत्तीसगढ़ पुलिस की नक्सल विरोधी मुहिम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।



गरियाबंद पुलिस, कोबरा बल और सीआरपीएफ के संयुक्त अभियानों के प्रभाव से नक्सलियों ने आत्मसमर्पण का निर्णय लिया। पुलिस के अनुसार, राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाले लाभ जैसे हथियार क्षमा, स्वास्थ्य, आवास, रोजगार और अन्य सुविधाएं भी उन्हें हिंसा छोड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं।


छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आत्मसमर्पण: सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता


आत्मसमर्पण करने वालों में सुनील, अरिना टेकाम, विद्या, लुडरो, नंदनी, मल्लेशा और कान्ती जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। ये सभी लंबे समय से गरियाबंद और उदंती क्षेत्र में सक्रिय थे और कई नक्सली गतिविधियों में भाग ले चुके हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस आत्मसमर्पण से न केवल सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा है, बल्कि स्थानीय स्तर पर शांति स्थापना के प्रयासों को भी बल मिलेगा। अब ये सभी नक्सली पुनर्वास प्रक्रिया के तहत समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर नया जीवन आरंभ करेंगे।


छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का आत्मसमर्पण: सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता


गरियाबंद पुलिस ने इसे राज्य सरकार की नीतियों और सुरक्षा बलों के समन्वित प्रयासों का परिणाम बताया है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे आत्मसमर्पण से यह स्पष्ट होता है कि नक्सली विचारधारा का प्रभाव कम हो रहा है और सरकार की शांति व विकास की पहलें लोगों तक प्रभावी रूप से पहुंच रही हैं।