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बीजेपी सांसद राजू बिस्ता के काफिले पर हमला, क्षेत्र में बढ़ी चिंता

उत्तर बंगाल के सुकिया पोखरी में बीजेपी सांसद राजू बिस्ता के काफिले पर अज्ञात बदमाशों ने हमला किया। इस घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। सांसद ने इसे एक संदिग्ध साजिश बताया है, जबकि केंद्रीय मंत्री ने इसे डराने की कोशिश करार दिया। जानें इस हमले के पीछे की कहानी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं।
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बीजेपी सांसद राजू बिस्ता के काफिले पर हमला, क्षेत्र में बढ़ी चिंता

सुकिया पोखरी में हमले की घटना

उत्तर बंगाल से एक बड़ी खबर सामने आई है: शनिवार शाम को सुकिया पोखरी क्षेत्र में बीजेपी सांसद राजू बिस्ता के काफिले पर अज्ञात हमलावरों ने हमला किया। यह घटना उस समय हुई जब सांसद अपने काफिले के साथ मसधुरा क्षेत्र में यात्रा कर रहे थे।



राजू बिस्ता ने सोशल मीडिया पर इस हमले की जानकारी साझा करते हुए कहा कि यह हमला उनके काफिले पर हुआ, लेकिन इसका असर उनके पीछे चल रहे वाहन पर पड़ा। उन्होंने इसे एक संदिग्ध घटना करार दिया, खासकर जब हाल ही में केंद्र सरकार ने उनके क्षेत्र के लिए एक वार्ताकार नियुक्त किया है। सांसद ने कहा कि यह हमला क्षेत्र की शांति को भंग करने की एक साजिश प्रतीत होती है।


उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग कोलकाता के प्रति वफादार हैं और सोचते हैं कि ऐसे हमलों से हम डर जाएंगे, वे गलत हैं। हम डरने वाले नहीं हैं। ऐसे कायरतापूर्ण हमले हमारे हौसले को और मजबूत करते हैं। हम क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए प्रयास करते रहेंगे। यह घटना तब हुई है जब कुछ सप्ताह पहले बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू और विधायक शंकर घोष पर भी जलपाईगुड़ी जिले के नागरकाटा क्षेत्र में हमला हुआ था।


केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी नेताओं को डराने की एक साजिश है, लेकिन हम न तो डरेंगे और न ही रुकेंगे। उत्तर बंगाल की जनता इन घटनाओं पर बारीकी से नजर रख रही है और उचित समय पर जवाब देगी।


वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र द्वारा गोरखा मुद्दों पर वार्ताकार नियुक्त करने के फैसले को एकतरफा बताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय राज्य सरकार से बिना परामर्श के लिया गया है, जो पहाड़ी क्षेत्रों में सामाजिक और राजनीतिक संतुलन को प्रभावित कर सकता है।