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साइबर अपराध: बैंक खातों की बिक्री में दो युवकों की गिरफ्तारी

साइबर क्राइम वेस्ट थाना पुलिस ने राजस्थान के कोटा से दो युवकों को गिरफ्तार किया है, जो बैंक खातों को साइबर ठगों को बेचने के आरोप में हैं। अरबाज मंसूरी और मोहम्मद फरहान पर आरोप है कि उन्होंने अपने खातों का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग में किया। जांच में पता चला कि अरबाज ने अपना खाता ₹10,000 में बेचा और फरहान ने इसे ₹20,000 में पुनः बेचा। पुलिस ने शिकायत के आधार पर त्वरित कार्रवाई की और आरोपियों को गिरफ्तार किया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
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साइबर अपराध: बैंक खातों की बिक्री में दो युवकों की गिरफ्तारी

साइबर क्राइम बैंक खाता बिक्री मामला

साइबर क्राइम बैंक खाता बिक्री: दो आरोपी गिरफ्तार - साइबर क्राइम वेस्ट थाना पुलिस ने राजस्थान के कोटा से दो युवकों को गिरफ्तार किया है, जो बैंक खातों को साइबर ठगों को बेचने के आरोप में हैं।


गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अरबाज मंसूरी और मोहम्मद फरहान शामिल हैं। उन पर आरोप है कि इन्होंने अपने बैंक खातों को ठगों को बेचा, जिसका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित धोखाधड़ी में किया गया।


पूछताछ के दौरान यह पता चला कि अरबाज मंसूरी के खाते में ₹2.50 लाख की ठगी की राशि ट्रांसफर की गई थी, जिसे पीड़ित से डिजिटल गिरफ्तारी दिखाकर वसूला गया था।


खाता बेचना और पुनः बिक्री


जांच में यह भी सामने आया कि अरबाज ने अपना बैंक खाता ₹10,000 में फरहान को बेचा था, और फरहान ने इसे एक अन्य व्यक्ति को ₹20,000 में बेचा।


इसके बाद, साइबर ठगों ने इस खाते का उपयोग ठगी की राशि ट्रांसफर करने के लिए किया।


यह पूरा नेटवर्क बैंक खातों की खरीद-फरोख्त कर साइबर अपराधों को अंजाम देने में सक्रिय था।


पुलिस की त्वरित कार्रवाई


30 मार्च को एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि उसे एक अज्ञात नंबर से कॉल आया, जिसमें खुद को पुलिस अधिकारी बताकर मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी गई।


इसके बाद, उसे डिजिटल गिरफ्तारी की बात कहकर पैसे ट्रांसफर करवाए गए थे।


ACP प्रियांशु दीवान की निगरानी में इंस्पेक्टर संदीप कुमार की टीम ने तकनीकी जांच के जरिए आरोपियों का पता लगाया और उन्हें गिरफ्तार कर भोंडसी जेल भेज दिया।


पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है जो इस नेटवर्क से जुड़े हुए हैं।