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BrahMos मिसाइलों की तीसरी खेप: क्या चीन की चिंताएं बढ़ेंगी?

भारत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की तीसरी खेप फिलीपींस को सौंपने की तैयारी कर रहा है, जिससे चीन की चिंताएं बढ़ गई हैं। पिछले साल भारत ने पहली और इस साल दूसरी खेप भेजी थी। इन मिसाइलों का उपयोग ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ किया गया था, जिससे उनकी ताकत साबित हुई। जानें, दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव और ब्रह्मोस की विशेषताओं के बारे में।
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BrahMos मिसाइलों की तीसरी खेप: क्या चीन की चिंताएं बढ़ेंगी?

BrahMos मिसाइलों की शक्ति

BrahMos missile: ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की प्रभावशीलता ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, जब भारत ने इन मिसाइलों के माध्यम से पाकिस्तान को कुछ ही दिनों में आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया था। अब भारत ब्रह्मोस मिसाइलों की तीसरी खेप फिलीपींस को सौंपने की तैयारी कर रहा है, जिससे चीन की चिंताएं और बढ़ गई हैं।


भारत और फिलीपींस के बीच समझौता

पिछले वर्ष की शुरुआत में, भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप भेजी थी, और इस वर्ष दूसरी खेप भी भेजी जा चुकी है। भारत और फिलीपींस के बीच 2022 में 375 मिलियन डॉलर का एक समझौता हुआ था, जिसके तहत भारत ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें फिलीपींस को उपलब्ध कराने का वादा किया था। ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ जयतीर्थ जोशी ने पुष्टि की है कि मिसाइलें तैयार हैं और समय पर डिलीवरी सुनिश्चित की जाएगी।


दक्षिण चीन सागर में तनाव

दक्षिण चीन सागर में बढ़ता तनाव

फिलीपींस को ये मिसाइलें दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव के बीच दी जा रही हैं। चीन इस क्षेत्र पर अपना दावा करता रहा है, जिसके कारण अमेरिका समेत कई अन्य देशों के साथ उसका विवाद भी चल रहा है। ऐसे में फिलीपींस इन मिसाइलों को अपने तटीय इलाकों में तैनात करेगा ताकि किसी भी संभावित खतरे का सामना किया जा सके।


ब्रह्मोस मिसाइलों की विशेषताएँ

ब्रह्मोस मिसाइलों की सबसे बड़ी विशेषता उनकी सुपरसोनिक गति है, जो ध्वनि की गति से भी तेज होती है। इस गति के कारण दुश्मन के रडार सिस्टम के लिए इसे ट्रैक करना बेहद कठिन हो जाता है। इसके अलावा, एक बार लॉन्च होने के बाद, मिसाइल को किसी इंसानी नियंत्रण की आवश्यकता नहीं होती और यह स्वतः लक्ष्य को भेदने में सक्षम होती है। इसकी रेंज पहले लगभग 290 किलोमीटर थी, जिसे अब 450 से 800 किलोमीटर तक बढ़ा दिया गया है।


ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस का उपयोग

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस मिसाइलों का इस्तेमाल

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग कर पाकिस्तान के कई महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों जैसे रावलपिंडी, सरगोधा, भोलारी और नूर खान एयरबेस को निशाना बनाया था। इन सफलताओं ने ब्रह्मोस मिसाइलों की ताकत और विश्वसनीयता को साबित किया है। अब फिलीपींस को मिसाइलें देने से क्षेत्रीय सुरक्षा समीकरण में बड़ा बदलाव आने की संभावना है, जिससे चीन की रणनीति प्रभावित हो सकती है।