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DRDO की नई लैब: भारत की स्टील्थ तकनीक में आएगा बड़ा बदलाव

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने बेंगलुरु में एक नई प्रयोगशाला की स्थापना की है, जो भारत की स्टील्थ तकनीक को मजबूत करेगी। यह प्रयोगशाला विमानों की रडार एब्जॉर्बेंट मटीरियल और स्टील्थ कोटिंग की सटीक जांच करने में सक्षम होगी। AMCA जैसे स्वदेशी लड़ाकू विमान परियोजनाओं को इससे काफी लाभ होगा। जानें इस नई लैब के महत्व और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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DRDO की नई लैब: भारत की स्टील्थ तकनीक में आएगा बड़ा बदलाव

DRDO की नई घोषणा से दुश्मनों में खलबली

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसने भारत के विरोधी देशों की नींद उड़ा दी है। DRDO ने भारतीय सेनाओं को अत्याधुनिक हथियारों और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। 18 दिसंबर, 2025 को यह जानकारी दी गई कि बेंगलुरु में स्थित एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (ADE) में देश का पहला पूरी तरह से स्वदेशी फुल-स्पेक्ट्रम बिस्टैटिक रडार क्रॉस सेक्शन (RCS) माप सुविधा का कार्य पूरा होने वाला है।


नई लैब की विशेषताएँ

DRDO की इस उन्नत प्रयोगशाला में विमानों पर उपयोग होने वाले रडार एब्जॉर्बेंट मटीरियल (RAM) और स्टील्थ कोटिंग की सटीक जांच की जा सकेगी। लैब में VHF, UHF और L-बैंड जैसी विभिन्न फ्रीक्वेंसी पर परीक्षण की सुविधा उपलब्ध होगी। पहले भारत को इस प्रकार की जांच के लिए विदेशों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन इस लैब के निर्माण के बाद देश को विमानों की परीक्षण के लिए किसी अन्य पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।


AMCA प्रोजेक्ट को मिलेगी नई ताकत

भारत अपने पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी लड़ाकू विमान एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) पर कार्य कर रहा है। इस लैब के पूरा होने से लो-ऑब्जर्वेबल यानी स्टील्थ तकनीक की पुष्टि और सुधार में आसानी होगी। उम्मीद है कि 2026 के मध्य तक यह लैब पूरी तरह से कार्यशील हो जाएगी, जिससे भारत की स्टील्थ क्षमताएँ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन जाएंगी।


युद्ध जैसी परिस्थितियों में परीक्षण

किसी भी विमान की स्टील्थ क्षमता का परीक्षण करना चुनौतीपूर्ण होता है। DRDO की नई लैब में युद्ध जैसे माहौल में परीक्षण किया जाएगा। यह देखा जाएगा कि विमान विभिन्न दिशाओं और कोणों से आने वाले रडार सिग्नल से कितनी अच्छी तरह छिपता है। यह तकनीक न केवल लड़ाकू विमानों के लिए, बल्कि ड्रोन के लिए भी उपयोगी साबित होगी।


AMCA की विशेषताएँ

AMCA भारत का एक अत्याधुनिक स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट होगा, जिसे 5.5-जेनरेशन विमान माना जा रहा है। इसका वजन लगभग 25 टन होगा और यह एक इंजन वाला सिंगल सीटर फाइटर जेट होगा। इसे एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड और डीप स्ट्राइक मिशनों के लिए विकसित किया जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता इसकी उन्नत स्टील्थ तकनीक होगी।

AMCA में एआई-आधारित इलेक्ट्रॉनिक पायलट सिस्टम, आधुनिक सेंसर, और नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर तकनीक शामिल होगी। यह विमान एंटी-टैंक मिसाइल, लेजर-गाइडेड बम, प्रिसिजन हथियार और भविष्य की उन्नत मिसाइलों से लैस किया जा सकेगा। AMCA को हर मौसम में ऑपरेशन के लिए डिजाइन किया गया है, और इसके साथ ही नौसेना के लिए AMCA का एक विशेष नेवल वर्जन भी विकसित किया जा रहा है।