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क्यूआर कोड से नकद निकासी की नई सुविधा जल्द शुरू

यूपीआई के माध्यम से क्यूआर कोड स्कैन करके नकद निकालने की नई सुविधा जल्द ही शुरू होने वाली है। यह प्रक्रिया सरल और सुरक्षित होगी, जिससे ग्राहक आसानी से नकद प्राप्त कर सकेंगे। एनपीसीआई ने इस सुविधा के लिए आरबीआई से अनुमति मांगी है और इसे देशभर में 20 लाख से अधिक बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट के माध्यम से लागू करने की योजना है। जानें इस नई सुविधा के बारे में और कैसे यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
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क्यूआर कोड से नकद निकासी की नई सुविधा जल्द शुरू

क्यूआर कोड से नकद निकासी की सुविधा


क्यूआर कोड से नकद निकासी: डिजिटल भुगतान के युग में, यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) हमारे दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। पहले इसका उपयोग केवल पैसे भेजने, बिल चुकाने और ऑनलाइन खरीदारी के लिए किया जाता था, लेकिन अब इसे नकद निकालने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। समाचारों के अनुसार, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) क्यूआर कोड के माध्यम से नकद निकासी की सुविधा लाने की योजना बना रहा है।


इस प्रक्रिया के तहत, लाखों बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) जैसे किराना दुकानदारों और छोटे सर्विस सेंटरों को क्यूआर कोड प्रदान किए जाएंगे, जिन्हें ग्राहक अपने मोबाइल में मौजूद किसी भी यूपीआई ऐप से स्कैन करके नकद निकाल सकेंगे।


आरबीआई से अनुमति की प्रक्रिया

एक रिपोर्ट के अनुसार, एनपीसीआई ने बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट के माध्यम से यूपीआई से नकद निकालने की अनुमति के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) से संपर्क किया है। वर्तमान में, यह योजना प्रारंभिक चरण में है और इस पर अंतिम निर्णय अभी नहीं लिया गया है।


अब तक, कार्डलेस कैश निकासी केवल यूपीआई-सक्षम एटीएम या कुछ विशेष दुकानों से ही संभव थी, जिसमें शहरी क्षेत्रों में ₹1,000 और ग्रामीण क्षेत्रों में ₹2,000 की सीमा थी। अब इस सुविधा को देशभर में 20 लाख से अधिक बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट तक विस्तारित करने की योजना है, जिससे ग्राहकों को अधिक लाभ होगा।


सरल प्रक्रिया

यह प्रक्रिया बेहद सरल होगी। जब ग्राहक किसी बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट के स्थान पर जाएंगे, तो उन्हें क्यूआर कोड स्कैन करना होगा।



  • ग्राहक के खाते से उतनी राशि डेबिट की जाएगी।

  • वह राशि तुरंत बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट के खाते में जमा कर दी जाएगी।

  • इसके बाद, बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट ग्राहक को नकद राशि प्रदान करेगा।


यह एक सुविधाजनक और सुरक्षित तरीका है, जिससे ग्राहकों को आसानी से नकद उपलब्ध होगा और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा।


बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट (BC) की भूमिका

बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट वे छोटे केंद्र या व्यक्ति होते हैं, जो दूरदराज के क्षेत्रों में बैंक सेवाओं का विस्तार करते हैं। ये उन लोगों को बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हैं, जहां बैंक शाखाएं आसानी से उपलब्ध नहीं हैं। एनपीसीआई ने 2016 में यूपीआई की शुरुआत की थी और यह भारत में डिजिटल भुगतान को और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।