भारत की वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर में अद्वितीय क्षमता का प्रदर्शन किया

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता
अमेरिकी वायुसेना के पूर्व पायलट ने भारत की वायुसेना की प्रशंसा की है, विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रदर्शित क्षमताओं के लिए। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने जो प्रदर्शन किया, वह पहले कभी नहीं देखा गया। वर्तमान में, वैश्विक रक्षा विशेषज्ञ इस ऑपरेशन का अध्ययन कर रहे हैं। यह ऑपरेशन 7 मई को शुरू हुआ और 10 मई को समाप्त हुआ। इस दौरान भारतीय वायुसेना ने जो तकनीकी कौशल दिखाया, उसे पूर्व अमेरिकी पायलट ने अब तक का सबसे उत्कृष्ट स्पूफिंग और धोखा बताया।
राफेल का एक्स-गार्ड
पूर्व अमेरिकी पायलट रयान बोडेनहाइमर ने राफेल फाइटर जेट में लगे एक्स-गार्ड डिकॉय सिस्टम की सराहना की। यह सिस्टम राफेल की स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर प्रणाली का हिस्सा है। एक्स-गार्ड एक 30 किलोग्राम का टो डिकॉय सिस्टम है, जो 100 मीटर लंबी फाइबर ऑप्टिक केबल से जुड़ा होता है। इसे केवल 2 सेकंड में तैनात किया जा सकता है और जरूरत खत्म होने पर तुरंत वापस भी लिया जा सकता है। यह सिस्टम 360 डिग्री में जैमिंग सिग्नल भेजता है, जिससे दुश्मन के रडार और मिसाइलों को भ्रमित किया जा सकता है।
भारत की रणनीति
बोडेनहाइमर ने बताया कि भारत ने राफेल एक्स-गार्ड का उपयोग करके पाकिस्तान को कैसे धोखा दिया। उन्होंने कहा कि भारत की रणनीति ने पाकिस्तान की चीनी निर्मित PL-15E मिसाइलों और J-10C लड़ाकू विमानों को पूरी तरह से चकमा दे दिया। PL-15E मिसाइल, जो चीन के PL-15 का एक संस्करण है, इस छलावे का सामना नहीं कर सकी। एक्स-गार्ड ने पाकिस्तान के J-10C विमानों के रडार को भी भ्रमित किया। इस मिशन ने इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के नियमों को नया रूप दिया है।
डसॉल्ट और रक्षा सचिव की टिप्पणियाँ
डसॉल्ट के सीईओ ट्रैपियर ने एक रक्षा वेबसाइट को बताया कि भारत ने एक राफेल विमान खो दिया है, लेकिन यह तकनीकी खराबी के कारण हुआ। उन्होंने कहा कि यह घटना 12,000 मीटर की ऊँचाई पर एक प्रशिक्षण अभियान के दौरान हुई। हालांकि, कंपनी ने स्पष्ट किया कि ट्रैपियर ने ऑपरेशन सिंदूर में राफेल के उपयोग पर कोई तकनीकी टिप्पणी नहीं की।