भारतीय नौसेना को मिलेगा नया स्टील्थ फ्रिगेट 'तमाल', जानें इसकी खासियतें

भारतीय नौसेना की नई ताकत
भारतीय नौसेना को 1 जुलाई 2025 को एक अत्याधुनिक हथियार मिलने जा रहा है। रूस के कालिनिनग्राद में यंतर शिपयार्ड में निर्मित 'तमाल' नामक नवीनतम स्टील्थ मल्टी-रोल फ्रिगेट को आधिकारिक रूप से नौसेना में शामिल किया जाएगा। यह फ्रिगेट 'कृवाक' श्रेणी का आठवां और 'तुषिल' क्लास का दूसरा युद्धपोत है, जिसे भारत और रूस के सहयोग से विकसित किया गया है.
समारोह में विशेष अतिथि
इस महत्वपूर्ण समारोह में भारतीय नौसेना के वेस्टर्न नेवल कमांड के प्रमुख, वाइस एडमिरल संजय जे. सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। 'तमाल' न केवल भारत-रूस के रक्षा संबंधों का प्रतीक बनेगा, बल्कि 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत भारतीय सैन्य क्षमताओं को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.
आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
तमाल को रूस के कालिनिनग्राद में तैयार किया गया है और यह अंतिम युद्धपोत है जिसे भारत ने विदेशी स्रोत से खरीदा है। इसके बाद सभी युद्धपोत 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत भारत में ही निर्मित होंगे। इस फ्रिगेट में 26% स्वदेशी तकनीक का उपयोग किया गया है, जिसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल शामिल है.
ब्रह्मोस से सुसज्जित, दुश्मनों के लिए खतरा
तमाल को लंबी दूरी तक निशाना साधने वाली ब्रह्मोस मिसाइल से लैस किया गया है। इसके अलावा, इसमें वर्टिकल लॉन्च सरफेस टू एयर मिसाइल, आधुनिक 100 मिमी गन, EO/IR सिस्टम, CIWS, हेवीवेट टॉरपीडो, एंटी-सबमरीन रॉकेट्स और उच्च गुणवत्ता वाले फायर कंट्रोल और सर्विलांस रडार शामिल हैं। इसका डिज़ाइन बेहद स्टील्थी है, जिससे इसे रडार पर पकड़ना कठिन है.
खतरे का पता लगाने की क्षमता
इस युद्धपोत में अत्याधुनिक नेटवर्क सेंट्रिक वॉरफेयर टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट लगाए गए हैं। इसमें एयर अर्ली वार्निंग और मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर ऑपरेशन की सुविधा है। इसकी अधिकतम गति 30 नॉट से अधिक है और यह लंबे समय तक समुद्र में गश्त करने में सक्षम है.
250 सैनिकों की तैयारी
तमाल के 250 सदस्यीय दल ने सेंट पीटर्सबर्ग और कालिनिनग्राद की ठंड में समुद्री प्रशिक्षण और हथियारों की जांच की है। यह युद्धपोत तीन महीने तक समुद्री परीक्षण में सफल रहा है.
'तमाल' नाम का पौराणिक महत्व
तमाल का नाम इंद्र देव के पौराणिक युद्ध तलवार से लिया गया है। इसका प्रतीक चिह्न 'जाम्बवन्त' (भारतीय पौराणिक भालू राजा) और रूसी यूरोशियन ब्राउन बियर का मेल है। पोत का नारा है - 'सर्वदा सर्वत्र विजय'.
भारत में निर्मित युद्धपोत
तुषिल क्लास के तहत दो और युद्धपोत भारत के गोवा शिपयार्ड में बन रहे हैं, जिन्हें 'त्रिपुट क्लास' कहा जा रहा है। इनका डिज़ाइन रूस की सेवर्नोए डिजाइन ब्यूरो के सहयोग से किया गया है। तमाल में 33 स्वदेशी सिस्टम्स लगाए गए हैं, जिनमें ब्रह्मोस एयरोस्पेस, BEL, टाटा की नोवा, केल्ट्रॉन, और एल्कोम मरीन शामिल हैं.
वेस्टर्न फ्लीट की ताकत बनेगा तमाल
तमाल को वेस्टर्न नेवल कमांड की 'स्वॉर्ड आर्म' यूनिट में शामिल किया जाएगा, जो नौसेना की सबसे शक्तिशाली इकाई मानी जाती है। यह जहाज भारत की समुद्री सीमाओं की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.