ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में डेलीगेट्स ने रखे अपने विचार, कहा- मप्र भारत के प्रगतिशील राज्यों में से एक
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- मप्र को बताया कृषि, पर्यटन, खनिज और फार्मास्युटिकल्स में निवेश की असीम संभावनाओं वाला राज्य
भोपाल, 24 फरवरी (हि.स.)। राजधानी भोपाल में आयोजित दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के पहले दिन सोमवार को देश-विदेश से आए डेलीगेट्स ने सत्र ग्लोबल साउथ-रीजनल इन ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट को-ऑपरेशन में अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश भारत के प्रगतिशील राज्यों में से एक है। यहां कृषि, पर्यटन, खनिज और फार्मास्युटिकल्स में निवेश की असीम संभावनाएं हैं।
सीआईआई पश्चिमी क्षेत्र की अध्यक्ष स्वाति सालगांवकर ने कहा कि ग्लोबल साउथ देशों के साथ भारत आर्थिक, व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिये लगातार कार्य कर रहा है। मध्यप्रदेश भी इन देशों के साथ सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंध बढ़ाने के लिये अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
दक्षिण अफ्रीका के फर्स्ट सेकेट्ररी पॉलिटिकल खाटूटशेलो इ. थगवाना ने कहा कि भोपाल में आयोजित यह समिट निवेश के साथ संबंधों को समृद्ध करने में भी बहुत उपयोगी सिद्ध होगी। हम मिलकर कार्य करेंगे और निवेश के विभिन्न क्षेत्रों को एक्सप्लोर करेंगे।
रवांडा की हाई कमिश्नर जैकलिन मुकानगिरा ने कहा कि भोपाल की मेरी यह पहली यात्रा है। मैं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को शानदार आयोजन के लिये बधाई देती हूं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में भारत सबसे बड़ा इन्वेस्टर्स है। मध्यप्रदेश में ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं जहां निवेश हो सकता है।
वेनेजुएला के मिनिस्टर काउंसलर जुआन गोल्डनिक ने कहा कि मध्यप्रदेश इन्वेस्टमेंट के लिये बेहतर डेस्टिनेशन है। उन्होंने कहा कि यह समिट बिजनेस और निवेश के लिये उपयोगी सिद्ध होगी। यूएई के डायरेक्टर ऑफ यूएई इंडिया सीईपीए काउंसिल अहमद मोहम्मद मुबारक अलज़नेबी ने कहा कि निवेश के विभिन्न पहलुओं पर दोनों देश कार्य कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश की इन्वेस्टमेंट पॉलिसी निवेशकों के लिये उपयोगी
वियतनाम के फर्स्ट सेक्रेटरी हांग थियेन ने कहा कि मध्य प्रदेश की इन्वेस्टमेंट पॉलिसी निवेशकों के लिये बहुत उपयोगी है। मुझे पूरी उम्मीद है कि निवेशक इसका पूरा लाभ उठायेंगे। माली के एम्बेसडर फेलिक्स डिआलो, थाईलैंड के काउंसिल जनरल मुंबई डोनाविट पूलसाबट और मेक्सिको के ट्रेड कमिश्नर डेनियल डेलगाडो ने भी मध्य प्रदेश की इन्वेस्टमेंट पॉलिसी की सराहना की। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से मध्यप्रदेश द्वारा किये जा रहे प्रयासों से इन्वेस्टमेंट बढ़ेगा। कृषि, माइनिंग और अधोसंरचना के क्षेत्र में बेहतर सहयोग की संभावनाएं हैं।
पनामा के यानिट जेल दौरते गैरीबाल्डो ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। फिजी के हाई कमिश्नर जगन्नाथ सामी ने कहा कि भारत का ही ग्रांडसन (पोता) हूं। भारत और फिजी के बीच में बहुत गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध हैं। बुर्किनाफॉसो के राजदूत डॉ. डिजायर बोनिफेस सम ने कहा कि दोनों देशों के बीच नारियल, सोना, कृषि उत्पादों और निर्माण सामग्री का आयात-निर्यात बहुत पहले से हो रहा है। फार्मास्युटिकल के क्षेत्र में सहयोग हमारे देश के लिये उपयोगी होगा। मोरक्को के राजदूत मोहम्मद मलिकी ने कहा कि हमारे देश में फास्फोरस का प्रचुर उत्पादन होता है। मध्यप्रदेश में विभिन्न उद्योगों में इसका उपयोग किया जा सकता है।
नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा ने कहा कि नवकरणीय ऊर्जा, डिजिटल कनेक्टिविटी, ट्रेड और इन्वेस्टमेंट के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। जिम्बाब्वे के वित्तीय मिनिस्टर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स राज मोदी और जिम्बाब्वे की राजदूत स्टेला नकोमो ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट निवेश की संभावनाओं को एक्सप्लोर करने के लिये बेहतर प्लेटफार्म है। एमपीआईडीसी के ईसीईओ सुविध शाह ने सभी डेलीगेट्स के द्वारा दिये गये सुझावों का स्वागत करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश का यही सही समय है। उन्होंने डेलीगेट्स की शंकाओं का समाधान भी किया। रविकांत तिवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का विजन स्पष्ट है। उन्होंने जीआईएस के पहले आरआईसी कर प्रदेश के हर क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं को तलाशा।
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हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत