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दीदियां दुख से सुख और गरीबी से समृद्धि की ओर बढ़ें, अपनी आमदनी भी बढ़ाएं : शिवराज सिंह

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दीदियां दुख से सुख और गरीबी से समृद्धि की ओर बढ़ें, अपनी आमदनी भी बढ़ाएं : शिवराज सिंह


रायसेन, 30 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मेरा तो जिंदगी का मिशन ही है, बहनों की जिंदगी बदलना। जिंदगी तब बदलती है, जब हम सशक्त होते हैं और सशक्त में पहली चीज है आर्थिक सशक्तीकरण, मतलब आर्थिक रूप से सक्षम होना। लाड़ली बहना योजना से महिलाओं का मान-सम्मान बढ़ा है, वे आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं। लाड़ली बहना योजना की मदद से अनेक लाड़ली बहनों ने छोटे-छोटे काम शुरू कर दिए हैं। बहनों को यहीं नहीं रुकना है, अगला कदम है लखपति दीदी बनना, जिसका मतलब है हर बहन की आमदनी एक साल में एक लाख रुपये से ज्यादा हो। हर एक दीदी के चेहरे पर मुस्कान हो, यही मेरा सपना है। समय आ गया है कि वे दुख से सुख की ओर बढ़ें, गरीबी से समृद्धि की ओर बढ़ें और अपनी आमदानी बढ़ाएं।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान शनिवार को मप्र के रायसेन में आयोजित लखपति दीदी सम्मेलन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण का काम, बहनों के कल्याण का काम तेजी से हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मॉं, बहन और बेटियों के सम्मान के लिए उनकी आर्थिक उन्नति के लिए संकल्पित हैं।

उन्होंने दीदियों को संबोधित करते हुए कहा कि अब प्रोसेसिंग का काम भी किया जाएगा। रायसेन जिले के लिए कुछ गतिविधियां चिह्नाकित की जाएं, जिनमें कच्चे माल को प्रोसेसिंग कर उत्पाद बनाकर विक्रय किया जाएं, जिससे दीदियां अधिक लाभ कमाएं। इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। सभी महिलाओं को स्वसहायता समूहों से जोड़ेंगे, जो समूह निष्क्रिय हैं उन्हें सक्रिय करेंगे और आजीविका की गतिविधियां और बड़ी करेंगे, जिससे कि आमदानी भी बढ़े।

उन्हाेंने सभी दीदियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम अपने गांव को गरीबी मुक्त बनाएं। गांव में प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार से जोड़ें। सभी की आमदानी हो, कोई गरीब न रहे। हम निश्चय करें कि गरीबी मुक्त गांव बनाने के लिए प्रयास करेंगे। सरकार द्वारा भी गरीबी से मुक्त गांव बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी। गांव का विकास, बहनों का कल्याण और किसानों का उद्धार हो, इस दिशा में भारत सरकार कार्य कर रही है, महिलाओं की आर्थिक उन्नति से ही देश आगे बढ़ेगा। पूर्व के समय में महिलाएं सिर्फ चूल्हा-चौका ही संभालती थीं लेकिन आज के दौर में महिलाएं आर्थिक उन्नति कर लखपति दीदी बन रही हैं और अपने घर परिवार हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं।

केन्द्रीय मंत्री चौहान ने सम्मेलन में जिले की लखपति दीदी ग्राम दिवटिया निवासी ललिता नागर, सुनारी निवासी आरती बाई, नरवर निवासी विनीता बाई, ओमवती बाई से संवाद कर आजीविका गतिविधियां, स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद उनके जीवन में आए बदलाव, परिवार की आर्थिक स्तर में आए बदलाव आदि के बारे में जानकारी ली। उन्हाेंने जिले में एनआरएलएम गतिविधियों के बेहतर क्रियान्वयन हेतु जिला प्रशासन को भी बधाई दी। सम्मेलन में सांसद दर्शन सिंह चौधरी, जिला पंचायत अध्यक्ष यशवंत मीणा, विधायकगण डॉ. प्रभुराम चौधरी व सुरेन्द्र पटवा, पूर्व मंत्री रामपाल सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष सविता सेन, राकेश शर्मा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, कलेक्टर अरविंद दुबे, पुलिस अधीक्षक पंकज पाण्डे, जिला पंचायत सीईओ अंजू पवन भदौरिया सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

लखपति दीदी सम्मेलन में बताया गया कि रायसेन जिले के सातों विकासखण्डों में 1350 प्रवेशित ग्रामों में 113190 लक्षित परिवार हैं। जिले में गठित स्वसहायता समूहों की संख्या 10164 है तथा इन समूहों में 113217 परिवारों को जोड़ा गया है। स्वसहायता समूहों को वर्ष 2024-25 में 60.86 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है। जिले में स्व-सहायता समूहों से जुड़कर दीदियों द्वारा व्यावसायिक सब्जी उत्पादन, हेचरी यूनिट, पापड़ यूनिट, मसाला प्रोसेसिंग यूनिट, सिलाई, ड्रोन, रूरल मार्ट आदि गतिविधियां सम्पादित की जा रही हैं। जिले में 15386 लखपति दीदी हैं और वर्ष 2024-25 में लखपति दीदी की संख्या बढ़ाकर 38668 करने का लक्ष्य है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर