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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र ने की जम्मू में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र की स्थापना की घोषणा, आईएमडी के वैश्विक प्रभाव पर डाला प्रकाश  

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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र ने की जम्मू में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र की स्थापना की घोषणा, आईएमडी के वैश्विक प्रभाव पर डाला प्रकाश  


जम्मू, 11 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. जितेंद्र सिंह ने शनिवार काे क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र की स्थापना की घोषणा की। यह महत्वपूर्ण कदम जम्मू और कश्मीर में मौसम संबंधी सेवाओं को मजबूत करेगा, जिससे क्षेत्र में आपदा तैयारी और जलवायु लचीलापन बढ़ेगा।

केंद्रीय मंत्री डा. सिंह आज जम्मू में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित एक ऐतिहासिक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्हाेंने भारत की वैज्ञानिक प्रगति और मौसम संबंधी सेवाओं में विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त नेता के रूप में इसके परिवर्तन में आईएमडी के अद्वितीय योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि 1875 में अपनी विनम्र शुरुआत से आईएमडी एक गतिशील संस्थान के रूप में विकसित हुआ है जो महत्वपूर्ण मौसम डेटा प्रदान करता है। कृषि, आपदा प्रबंधन, विमानन और रक्षा जैसे क्षेत्रों को सशक्त बनाता है। इसके पूर्वानुमानों की विश्वसनीयता और सटीकता नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है, जिससे नागरिक सूचित निर्णय लेने में सक्षम हुए हैं।

उन्हाेंने विश्व मौसम विज्ञान संगठन द्वारा शताब्दी केंद्र के रूप में मान्यता प्राप्त श्रीनगर मौसम विज्ञान केंद्र के ऐतिहासिक महत्व पर विस्तार से बताया और विश्वास व्यक्त किया कि जम्मू में बनने वाला क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र इसकी सफलता को दोहराएगा। उन्होंने कहा कि यह नया केंद्र जम्मू क्षेत्र की अनूठी भौगोलिक और जलवायु चुनौतियों को पूरा करेगा जो देश भर में सटीक और समय पर मौसम पूर्वानुमान देने के आईएमडी के मिशन में योगदान देगा।

आईएमडी के विकास पर विचार करते हुए डॉ. सिंह ने बताया कि 2014 के बाद से तकनीकी प्रगति ने भारत की मौसम संबंधी क्षमताओं में कैसे क्रांति ला दी है। उन्होंने कहा कि अत्यधुनिक अंतरिक्ष, भूमि और समुद्री प्रौद्योगिकियों के एकीकरण के साथ आईएमडी अब 40 प्रतिशत से अधिक बेहतर सटीकता के साथ पूर्वानुमान देता है। यह तकनीकी छलांग चक्रवातों, अचानक बाढ़, हिमस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावों को कम करने में अमूल्य साबित हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आईएमडी ने अपने बुनियादी ढांचे का काफी विस्तार किया है। जम्मू और कश्मीर में अब एक दशक पहले की तुलना में स्वचालित मौसम स्टेशनों की संख्या दोगुनी हो गई है। साथ ही जम्मू, श्रीनगर, बनिहाल और लेह में उन्नत एक्स-बैंड रडार की स्थापना की गई है। अमरनाथ यात्रा और वैष्णो देवी तीर्थयात्राओं सहित महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए सटीक मौसम पूर्वानुमान सुनिश्चित करने में ये विकास महत्वपूर्ण रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने सरकार के महत्वाकांक्षी मिशन मौसम की रूपरेखा प्रस्तुत की, जो मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल मोदी 3.0 के पहले 100 दिनों के हिस्से के रूप में शुरू की गई 2,000 करोड़ रुपये की पहल है। 2024 से 2026 तक चलने वाले इस मिशन का उद्देश्य भारत को मौसम के लिए तैयार और जलवायु-स्मार्ट बनाना है। उन्नत पूर्वानुमान उपकरणों और बढ़ी हुई पहुंच के साथ, मिशन नागरिकों और हितधारकों को कार्रवाई योग्य जलवायु अंतर्दृष्टि से लैस करने पर ध्यान केंद्रित करता है।

यह मिशन जलवायु कार्रवाई में भारत के बढ़ते नेतृत्व को रेखांकित करता है जो अन्य देशों के लिए अनुसरण करने के लिए मानक स्थापित करता है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हम 2047 तक भारत को मौसम संबंधी सेवाओं और आपदा तैयारियों के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में देखना चाहते हैं।----------------

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह