नौसेना ने सीकिंग हेलीकॉप्टर से एंटी शिप मिसाइल लॉन्च करके लक्ष्य को मार गिराया
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- रक्षा मंत्री और डीआरडीओ अध्यक्ष ने पूरी टीम, उपयोगकर्ताओं और उद्योग भागीदारों को बधाई दी
नई दिल्ली, 26 फरवरी (हि.स.)। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय नौसेना ने बुधवार को एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर), चांदीपुर से अपनी तरह की पहली नौसेना एंटी-शिप मिसाइल (एनएएसएम-एसआर) के दो सफल रिलीज फ्लाइट परीक्षण किए। नौसेना के 42बी सीकिंग हेलीकॉप्टर से मिसाइल लॉन्च किए जाने के दौरान जहाज के लक्ष्यों के खिलाफ क्षमता का प्रदर्शन किया गया।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार आज हुए परीक्षणों ने मिसाइल की मैन-इन-लूप विशेषता को साबित कर दिया है। मिसाइल ने अधिकतम सीमा पर समुद्र-स्किमिंग मोड में एक छोटे जहाज के लक्ष्य पर सीधा प्रहार किया। मिसाइल ने टर्मिनल मार्गदर्शन के लिए एक स्वदेशी इमेजिंग इंफ्रा-रेड सीकर का उपयोग किया। इस मिशन ने उच्च बैंडविड्थ डेटालिंक सिस्टम का भी प्रदर्शन किया है, जिसका उपयोग उड़ान के दौरान पुनः लक्ष्यीकरण के लिए सीकर की लाइव छवियों को पायलट तक वापस भेजने के लिए किया जाता है।
मिसाइल को लॉन्च मोड के बाद बियरिंग-ओनली लॉक-ऑन में लॉन्च किया गया था, जिसमें से एक को चुनने के लिए कई लक्ष्य पास में थे। मिसाइल ने शुरू में खोज के निर्दिष्ट क्षेत्र के भीतर एक बड़े लक्ष्य पर लॉक किया और टर्मिनल चरण के दौरान पायलट ने एक छोटे छिपे हुए लक्ष्य का चयन किया, जिसके परिणामस्वरूप इसे सटीक रूप से मारा गया। यह मिसाइल अपने मध्य-मार्ग मार्गदर्शन के लिए स्वदेशी फाइबर ऑप्टिक जाइरोस्कोप-आधारित आईएनएस और रेडियो अल्टीमीटर, एक एकीकृत एवियोनिक्स मॉड्यूल, एरोडायनामिक और जेट वेन नियंत्रण के लिए इलेक्ट्रो-मैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स, थर्मल बैटरी और पीसीबी वारहेड का उपयोग करती है। इन परीक्षणों ने सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया है।
इस मिसाइल को डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं में विकसित किया गया है, जिसमें रिसर्च सेंटर इमारत, रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला, उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला और टर्मिनल बैलिस्टिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला शामिल हैं। मिसाइलों का निर्माण वर्तमान में एमएसएमई, स्टार्ट-अप और अन्य उत्पादन भागीदारों की मदद से विकास सह उत्पादन भागीदारों द्वारा किया जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल उड़ान परीक्षणों के लिए डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और उद्योगों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि मैन-इन-लूप सुविधाओं के लिए यह परीक्षण अद्वितीय है, क्योंकि यह उड़ान में पुनः लक्ष्यीकरण की क्षमता देता है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी डीआरडीओ की पूरी टीम, उपयोगकर्ताओं और उद्योग भागीदारों को बधाई दी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम