Dream 11 ने ऑनलाइन गेमिंग बिल को चुनौती नहीं देने का किया ऐलान

Dream 11 का गेमिंग बिल पर रुख
Dream 11 नहीं करेगा चुनौती: हाल ही में ऑनलाइन गेमिंग बिल के कारण Dream 11 और अन्य कई ऐप्स का कारोबार प्रभावित हुआ है। इस बिल में स्पष्ट किया गया है कि रियल मनी गेम्स पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, जिसमें Dream 11 भी शामिल है। कंपनी ने पहले ही संकेत दिया था कि वह अपने व्यवसाय में बदलाव लाने की योजना बना रही है। हालांकि, कुछ रियल मनी गेम्स ने इस बिल को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
Dream 11 का चैलेंज न करने का निर्णय
Dream 11 नहीं करेगा गेमिंग बिल को चैलेंज!
ड्रीम 11 की पैरेंट कंपनी Dream Sports के सह-संस्थापक हर्ष जैन ने हाल ही में मीडिया से बातचीत में कहा कि उनकी कंपनी सरकार द्वारा लाए गए रियल मनी गेमिंग बैन को चुनौती नहीं देगी। हालांकि, कुछ अन्य रियल मनी गेम्स ने कोर्ट में याचिका दायर की है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या Dream 11 भी ऐसा कदम उठाएगा। Dream 11 फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटसी स्पोर्ट्स का एक संस्थापक सदस्य है।
फेडरेशन का बयान
फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटसी स्पोर्ट्स (FIFS) ने मीडिया को बताया कि वे ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 के तहत ही कार्य करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनके किसी सदस्य द्वारा इस एक्ट के खिलाफ चुनौती नहीं दी जाएगी और वे सरकार के साथ सहयोग करेंगे। यदि कोई सदस्य एक्ट को चुनौती देता है, तो वह फेडरेशन का हिस्सा नहीं रहेगा। इससे यह स्पष्ट होता है कि Dream 11 और अन्य प्रमुख रियल मनी गेमिंग ऐप्स सरकार को चुनौती नहीं देने वाले हैं।
चुनौती देने वाले गेम्स
किन-किन गेम्स ने किया चैलेंज?
कर्नाटक, दिल्ली और मध्य प्रदेश के हाईकोर्ट में A23 रमी, बघीरा कैरम और क्लबबूम 11 स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट ने याचिका दायर की है और ऑनलाइन गेमिंग बिल को चुनौती दी है। उन्होंने इस एक्ट को रोकने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट से याचिकाओं को ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है। हालांकि, भारत सरकार के खिलाफ सीधा चैलेंज देना आसान नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति की अनुमति से ही बिल पास होता है। यदि रियल मनी गेम्स को फिर से खेलने का मौका मिलता है, तो इसका लाभ Dream 11 को भी होगा।