हिमाचल प्रदेश में भूकंप के झटके, मंडी में कांपी धरती

शिमला, 23 फ़रवरी (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर भूकंप के झटके लगे हैं। रविवार सुबह मंडी जिले में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए जिससे कुछ देर के लिए लोगों में भय का माहौल बन गया। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई और इसका केंद्र मंडी जिले में 31.48 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 76.95 डिग्री पूर्वी देशांतर पर स्थित था।
भूकंप के झटके सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर आए और कुछ सेकंड तक महसूस किए गए। इसका केंद्र मंडी में जमीन की सतह से 7 किलोमीटर नीचे रहा। हालांकि इसकी तीव्रता कम होने के कारण जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। मंडी जिला से सटे इलाकों में भी झटके महसूस किए गए लेकिन कहीं भी किसी प्रकार की क्षति की रिपोर्ट नहीं मिली है।
हिमाचल के पहाड़ी जिलों में लगातार भूकंप के हल्के झटके महसूस किए जा रहे हैं। इससे पहले इसी माह 2 फरवरी को मंडी से सटे कुल्लू जिला में 3.4 की तीव्रता का भूकम्प आया रहा। इसके अलावा शिमला, चम्बा, लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों में भी कई बार हल्के भूकंप आ चुके हैं। हालांकि इन घटनाओं में किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ है।
विशेषज्ञों के अनुसार हिमाचल प्रदेश भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में आता है और यह जोन 4 व 5 के अंतर्गत आता है। यही कारण है कि यहां समय-समय पर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।
इतिहास में दर्ज है विनाशकारी भूकंप
हिमाचल प्रदेश में भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है। वर्ष 1905 में कांगड़ा और चंबा जिलों में आए विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी, जिसमें करीब 10 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद से अब तक कई छोटे-बड़े भूकंप यहां आ चुके हैं, लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा