तेलंगाना में टनल हादसाः आठ मजदूर फंसे, बचाव कार्य जारी
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-एंट्री पॉइंट से 14 किमी दूर तीन मीटर हिस्सा ढहा-प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से फोन पर ली जानकारी
हैदराबाद, 22 फरवरी (हि.स.)। तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में शनिवार सुबह एसएलबीसी (श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल) टनल परियोजना का एक हिस्सा गिर गया, जिसमें आठ मजदूर फंस गए। यह हादसा सुरंग के एंट्री पॉइंट से 14 किमी अंदर हुआ है।
राज्य के सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी के अनुसार छत का करीब तीन मीटर हिस्सा ढहा है। टनल का काम काफी समय से रुका हुआ था। चार दिन पहले ही दोबारा काम शुरू किया गया था। रेड्डी ने कहा कि सरकार मौके पर फंसे आठ कर्मचारियों की जान बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और उन्हें विश्वास है कि वह इसमें कामयाब होंगे।
नागरकुरनूल के पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने बताया कि सिंचाई परियोजना का काम करने वाली कंपनी की दो रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई है। भारतीय सेना और एनडीआरफ की भी सहायता मांगी गई है।
गायकवाड़ के मुताबिक घटना के दौरान 50 मजदूर घटनास्थल पर मौजूद थे। फंसे हुए लोगों में दो इंजीनियर, दो मशीन ऑपरेटर और चार मजदूर शामिल हैं।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने घटना पर दुख जताया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, जिला कलेक्टर, फायर ब्रिगेड और सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं।
सड़क एवं भवन मंत्री कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी ने एक बयान में कहा कि यह दुर्घटना श्रीशैलम से देवरकोंडा जाने वाली सुरंग के 14वें किलोमीटर के इनलेट (डोमलपेंटा के पास) पर सीपेज पर लगी कंक्रीट के फिसलने के कारण हुई है।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सुरंग में छत पर काम करने वालों के घायल होने की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त की तथा अधिकारियों को तत्काल राहत उपाय करने का आदेश दिया। मामले की जानकारी मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी को हुई तो वे तुरंत विशेष हेलीकॉप्टर से मौके पर पहुंचे। राहत प्रयासों पर नजर रखी जा रही है। उत्तम के साथ सिंचाई विभाग के सलाहकार आदित्यनाथ दास और अधिकारी भी थे।
यह परियोजना श्रीशैलम परियोजना के पीछे के पानी से एक सुरंग के माध्यम से पिछड़े नलगोंडा जिले को खेती और पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए डिज़ाइन की गई है। इसके हिस्से के रूप में, नगरकुर्नूल जिले के अमराबाद मंडल, डोमलापेंटा के पास एक सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। उस काम की पहली चरण में लगभग 50 कर्मचारी सुरंग में उतरे। सुबह करीब साढ़े आठ बजे जब मजदूर काम कर रहे थे तो अचानक छत गिर गई और मिट्टी की पट्टियां टूट गईं। इससे कर्मचारी घबरा गए। इनमें से 42 लोग बाहर आ गए। 8 मजदूर अंदर फंसे हैं, जिन्हें निकालने का प्रयास जारी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बोरिंग मिशन से आगे निकले आठ लोग फंसे हैं। 14 किलोमीटर अंदर फंस जाने के कारण उन्हें बाहर निकालना एक चुनौती बन गया है। अबतक आठ लापता कर्मचारियों की पहचान हुई है। इनके नाम हैं- मनोज कुमार, श्रीनिवास, संदीप साहू, जगता एक्सेस, संतोष साहू, अनुज साहू, सनी सिंह और गुरप्रीत सिंह।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस हादसे की जानकारी मुख्यमंत्री रेवंथ रेड्डी से ली है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से फोन पर बातचीत की और इस हादसे की पूरी जानकारी ली और राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों पर भी उन्हें अवगत कराया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / नागराज राव