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F-35B फाइटर जेट की तकनीकी समस्या: यूके नेवी की टीम भी नहीं कर पाई समाधान

यूके की नौसेना का F-35B फाइटर जेट हाल ही में तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करने के बाद तकनीकी समस्याओं का सामना कर रहा है। भारतीय वायु सेना ने विमान को सहायता प्रदान की, लेकिन हाइड्रोलिक खराबी के कारण यह उड़ान नहीं भर सका। यूके नेवी की मेंटेनेंस टीम भी समस्या को हल नहीं कर पाई। इस घटना ने विमान की निर्माण प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। जानें इस जेट की विशेषताएँ और इसके पीछे की कहानी।
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F-35B फाइटर जेट की तकनीकी समस्या: यूके नेवी की टीम भी नहीं कर पाई समाधान

F-35B फाइटर जेट की इमरजेंसी लैंडिंग

F-35B Fighter Jet: हाल ही में, यूके की नौसेना का F-35B फाइटर जेट केरल के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग करने को मजबूर हुआ। यह लैंडिंग कम ईंधन के कारण हुई थी। विमान कई दिनों से एयरपोर्ट पर खड़ा है और अब यह एक पहेली बन गया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वायु सेना ने इमरजेंसी लैंडिंग के बाद विमान को ईंधन भरने में सहायता की, लेकिन जब इसे वापस उड़ान भरने के लिए तैयार किया गया, तो इसमें हाइड्रोलिक समस्या उत्पन्न हो गई, जिससे यह उड़ान नहीं भर सका।


मेंटेनेंस टीम की कोशिशें

इसके बाद, यूके नेवी की एक मेंटेनेंस टीम तिरुवनंतपुरम पहुंची, लेकिन वे हाइड्रोलिक समस्या को ठीक करने में असफल रहीं। एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि एयरक्राफ्ट की मरम्मत के लिए एक बड़ी मेंटेनेंस टीम की आवश्यकता हो सकती है। यदि आवश्यक हुआ, तो विमान को सैन्य परिवहन एयरक्राफ्ट के माध्यम से भी वापस ले जाया जा सकता है।


उठते सवाल

दुनिया के सबसे आधुनिक विमानों में से एक की तकनीकी खराबी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। विमान की निर्माण प्रक्रिया पर भी संदेह उत्पन्न हो रहा है। यह पहली बार नहीं है जब रॉयल नेवी के विमानों के साथ ऐसी असामान्य घटनाएं हुई हैं। 1983 में भी एक रॉयल नेवी विमान इसी तरह की स्थिति का सामना कर चुका है।


हाल ही में समुद्री अभ्यास

यह ध्यान देने योग्य है कि F-35B जेट HMS प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है। हाल ही में, इस जेट ने भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त समुद्री अभ्यास पूरा किया था और यह अरब सागर में था। कुछ रिपोर्टों में विमान में मैकेनिकल खराबी की बात भी सामने आई है।


इमरजेंसी लैंडिंग का कारण

विमान 36,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर रहा था, लेकिन खराब मौसम के कारण इसे जहाज पर वापस लौटने में कठिनाई हुई। इसके बाद, ईंधन की कमी के कारण इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीकी खराबी ईंधन खत्म होने के बाद बढ़ी। एयरक्राफ्ट को सुरक्षा के लिए CISF द्वारा कड़ी सुरक्षा दी गई है। इसे एयरपोर्ट के बे नंबर-4 में खड़ा किया गया है।


F-35B की विशेषताएँ

क्या है F-35B की खासियत? F-35B को छोटी उड़ान और वर्टिकल लैंडिंग के लिए डिजाइन किया गया है। इसे लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित किया गया है और यह एक मल्टीरोल एयरक्राफ्ट है, जो लैंड, एयर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में सक्षम है। यह एक स्टील्थ विमान है, जो टाइफून जेट के साथ काम करता है। F-35B लाइटनिंग लड़ाकू विमानों की अगली पीढ़ी है, जिसमें लगे सेंसर पायलट को युद्ध क्षेत्र की पूरी जानकारी प्रदान करते हैं।