FATF की चेतावनी: पाकिस्तान पर बढ़ी निगरानी, आतंकवाद के वित्तपोषण पर ध्यान
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद के वित्तपोषण पर निगरानी बढ़ाने की घोषणा की है। पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए, FATF ने कहा कि यह सुनिश्चित करेगा कि पाकिस्तान इस मुद्दे से प्रभावी तरीके से निपट रहा है। भारत ने भी पाकिस्तान को FATF की संदिग्ध सूची में डालने की मांग की है। FATF की यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता को दर्शाती है और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
| Jun 17, 2025, 11:07 IST
पाकिस्तान की बढ़ती मुश्किलें
हाल ही में, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से मिले कर्ज पर गर्व करने वाले पाकिस्तान के लिए नई चुनौतियाँ सामने आ रही हैं। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी निगरानी बढ़ाएगा कि पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण से प्रभावी तरीके से निपट रहा है। FATF ने कहा, "आतंकी हमले जानलेवा होते हैं, लोगों को घायल करते हैं और वैश्विक स्तर पर भय फैलाते हैं।" 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए हमले पर FATF की चिंता और निंदा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह संस्था आमतौर पर आतंकवादी कृत्यों की निंदा नहीं करती। यह तीसरी बार है जब पिछले एक दशक में FATF ने किसी आतंकवादी हमले की निंदा की है। इससे पहले, 2015 और 2019 में भी उन्होंने गंभीर मामलों में निंदा की थी。
भारत की चिंताएँ और FATF की कार्रवाई
भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान के आतंकवाद को समर्थन देने और हथियारों की खरीद के लिए धन मुहैया कराने के मामलों को उजागर किया है। FATF का यह बयान इसी संदर्भ में आया है। वर्तमान में, पाकिस्तान के खिलाफ पहलगाम हमले के लिए कार्रवाई की मांग उठ रही है, जिससे उसे FATF की संदिग्ध सूची में डाला जा सके। हाल ही में, भारत ने 33 देशों की राजधानियों में अपने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे थे, जिसमें विभिन्न देशों से पाकिस्तान को FATF की संदिग्ध सूची में डालने की मदद मांगी गई। यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को पनाह दी है, जैसा कि 7 मई को भारतीय सैन्य हमलों में मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति से पता चलता है।
FATF की आगामी बैठकें और भारत की तैयारी
FATF के एशिया प्रशांत समूह (APG) की 25 अगस्त को होने वाली बैठक और 20 अक्टूबर को होने वाली पूर्ण बैठक से पहले, भारत आतंकवाद के वित्तपोषण और धन शोधन के खिलाफ FATF मानदंडों के संबंध में पाकिस्तान की चूक पर एक दस्तावेज तैयार कर रहा है। भारत FATF को पाकिस्तान को संदिग्ध सूची में डालने के लिए आवेदन देगा। वर्तमान में, FATF की संदिग्ध सूची में 24 देश हैं, जिन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
FATF की निंदा और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता
FATF द्वारा की गई दुर्लभ निंदा यह दर्शाती है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने हमले की गंभीरता को समझा है। FATF ने कहा है कि ऐसे हमलों को बख्शा नहीं जाएगा। FATF एक वैश्विक संगठन है जो धन शोधन और आतंकवादी वित्तपोषण पर नजर रखता है और इन अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक निर्धारित करता है। FATF ने यह भी कहा कि वह जल्द ही आतंकवादी वित्तपोषण का व्यापक विश्लेषण जारी करेगा। यह पहली बार है जब 'राज्य प्रायोजित आतंकवाद' की अवधारणा को FATF द्वारा वित्तपोषण स्रोत के रूप में स्वीकार किया गया है।
भारत का राष्ट्रीय जोखिम मूल्यांकन
भारत का राष्ट्रीय जोखिम मूल्यांकन (NRA) पाकिस्तान से राज्य प्रायोजित आतंकवाद को एक प्रमुख आतंकवाद वित्तपोषण जोखिम के रूप में मान्यता देता है। रिपोर्ट में 'राज्य प्रायोजित आतंकवाद' को शामिल करना पाकिस्तान द्वारा इस प्रकार के आतंकवाद की अंतरराष्ट्रीय मान्यता को दर्शाता है। FATF की संदिग्ध सूची में पाकिस्तान का इतिहास फरवरी 2008 से शुरू होता है, जब इसे निगरानी सूची में रखा गया था।
FATF की वैश्विक चुनौती
FATF एक निगरानी संस्था है जो धनशोधन और आतंकवादी वित्तपोषण को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक निर्धारित करती है। FATF की अध्यक्ष एलिसा डी आंदा माद्राजो ने हाल ही में जर्मनी में 'नो मनी फॉर टेरर कॉन्फ्रेंस' में कहा था, "कोई भी देश अकेले इस चुनौती का सामना नहीं कर सकता। हमें वैश्विक आतंकवाद के संकट के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।"
