FBI ने पूर्व NSA जॉन बोल्टन के घर पर मारा छापा, मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा

जॉन बोल्टन के घर पर FBI का छापा
वॉशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के निवास पर FBI ने शुक्रवार सुबह छापा मारा। बोल्टन, जो डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में NSA रहे थे, लंबे समय से राजनीतिक आलोचना का सामना कर रहे हैं। न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, FBI के एजेंट सुबह 7 बजे मैरीलैंड के बेथेस्डा में बोल्टन के घर पहुंचे। यह कार्रवाई FBI के निदेशक कश पटेल के आदेश पर की गई थी।
राष्ट्रीय सुरक्षा जांच का मामला
सूत्रों के अनुसार, यह छापा एक उच्च-स्तरीय राष्ट्रीय सुरक्षा जांच से संबंधित है, जिसमें वर्गीकृत दस्तावेजों का संदर्भ है। दिलचस्प यह है कि इसी समय कश पटेल ने X पर एक पोस्ट किया, जिसे कई लोग इस छापे से जोड़कर देख रहे हैं। बोल्टन उन कुछ अमेरिकी नेताओं में से हैं, जिन्होंने भारत पर टैरिफ लगाने का विरोध किया है।
बोल्टन की किताब और विवाद
बोल्टन की किताब और पुराना विवाद
यह मामला नया नहीं है। 2020 में बोल्टन ने अपनी किताब ‘The Room Where It Happened’ प्रकाशित की थी, जिसके प्रकाशन को ट्रंप ने रोकने की कोशिश की थी, यह कहते हुए कि इसमें गोपनीय जानकारी है। हालांकि, अदालत में उनकी कोशिश विफल रही और किताब बाजार में आई। ट्रंप प्रशासन के न्याय विभाग ने तब इस पर जांच शुरू की थी। न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, मौजूदा छापा उसी पुराने मामले से संबंधित है, जिसे बाइडेन प्रशासन ने राजनीतिक कारणों से बंद कर दिया था।
ट्रंप और बोल्टन के बीच की दुश्मनी
ट्रंप और बोल्टन की दुश्मनी है पुरानी
जॉन बोल्टन को अमेरिका की आक्रामक विदेश नीति का समर्थक माना जाता है। ईरान और उत्तर कोरिया पर उनके सख्त रुख के कारण उनकी पहचान बनी है। लेकिन ट्रंप के साथ उनके संबंध बिगड़ने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से बोल्टन ने ट्रंप की नीतियों और विशेषकर रूस के साथ उनके संबंधों की आलोचना की है। ट्रंप ने भी बोल्टन के खिलाफ कई बार बयान दिए हैं।
राजनीतिक संदर्भ में छापे का महत्व
मौजूदा रेड के राजनीतिक मायने
ट्रंप का दूसरा कार्यकाल अमेरिकी राजनीति में और विवाद पैदा कर रहा है। वे आलोचकों पर दबाव डालने और अपने विरोधियों को सबक सिखाने के लिए छापों, गिरफ्तारियों और जांचों का सहारा ले रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने लॉ फर्मों को मजबूर किया है कि वे डील्स पर हस्ताक्षर करें और मीडिया हाउस CBS News की पैरेंट कंपनी को भी आर्थिक समझौते के लिए बाध्य किया है।