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H-1B वीजा में बदलाव: अमेरिका में उच्च वेतन और कौशल वाले पेशेवरों को मिलेगी प्राथमिकता

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने एच-1बी वीजा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव का प्रस्ताव रखा है, जिसमें मौजूदा लॉटरी प्रणाली को समाप्त कर एक नई चयन प्रक्रिया लागू की जाएगी। इस प्रक्रिया में उम्मीदवारों के कौशल और वेतन स्तर को प्राथमिकता दी जाएगी। यह बदलाव विशेष रूप से उच्च वेतन और उच्च कौशल वाले पेशेवरों को लाभ पहुंचाएगा, जबकि कम वेतन वाले उम्मीदवारों के लिए अवसर सीमित हो सकते हैं। जानें इस प्रस्ताव के संभावित प्रभाव और विवादों के बारे में।
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H-1B वीजा में बदलाव: अमेरिका में उच्च वेतन और कौशल वाले पेशेवरों को मिलेगी प्राथमिकता

एच-1बी वीजा प्रणाली में प्रस्तावित परिवर्तन

H-1B वीजा में सुधार: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने एच-1बी वीजा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव का प्रस्ताव रखा है। इस नए प्रस्ताव के तहत मौजूदा लॉटरी प्रणाली को समाप्त किया जाएगा और इसके स्थान पर एक नई चयन प्रक्रिया लागू की जाएगी, जो पूरी तरह से उम्मीदवारों के कौशल और वेतन स्तर पर निर्भर करेगी। इसका उद्देश्य अमेरिका में अधिक कुशल और उच्च वेतन वाले पेशेवरों को प्राथमिकता देना है।


कौशल और वेतन का महत्व बढ़ेगा...
इस नए नियम के अनुसार, एच-1बी वीजा प्राप्त करने की प्रक्रिया अब रैंडम ड्रॉ के माध्यम से नहीं होगी, बल्कि एक वेटेड सेलेक्शन सिस्टम के तहत होगी। इस प्रणाली में जिन उम्मीदवारों का वेतन अधिक होगा, उन्हें अधिक अवसर प्राप्त होंगे। उदाहरण के लिए, जिनका वेतन उच्चतम स्तर (लेवल 4) में आता है, उन्हें चयन पूल में चार बार शामिल किया जाएगा, जबकि न्यूनतम वेतन स्तर वाले उम्मीदवार केवल एक बार पूल में शामिल होंगे।


उच्च कौशल वाले पेशेवरों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा
यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) द्वारा जारी प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया है कि अब एच-1बी वीजा के लिए प्राथमिकता उच्च कौशल और उच्च वेतन वाले उम्मीदवारों को दी जाएगी। यह बदलाव अमेरिका की इमिग्रेशन नीति को अधिक दक्षता और गुणवत्ता की ओर ले जाने के लिए किया गया है।


कंपनियों पर प्रभाव
अब अमेरिकी कंपनियों को कम वेतन वाले उम्मीदवारों की बजाय अधिक योग्य और महंगे विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करना होगा। यह बदलाव विशेष रूप से तकनीकी और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में कंपनियों की भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित करेगा।


भारत पर प्रभाव
एच-1बी वीजा के अधिकांश लाभार्थी भारतीय होते हैं, विशेषकर आईटी और इंजीनियरिंग क्षेत्रों से जुड़े हुए। इस प्रस्ताव के लागू होने पर उन भारतीय पेशेवरों को लाभ होगा जिनकी योग्यता और वेतन उच्च स्तर का है। वहीं, कम अनुभवी या कम वेतन वाले उम्मीदवारों के लिए अमेरिका में अवसर सीमित हो सकते हैं।


1 लाख डॉलर की आवेदन शुल्क का प्रस्ताव
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने पहले यह भी प्रस्तावित किया था कि प्रत्येक नए एच-1बी आवेदन पर $100,000 की शुल्क ली जाए। यह कदम विदेशी आवेदकों की संख्या को सीमित करने और केवल गंभीर और सक्षम उम्मीदवारों को वीजा देने की नीति का हिस्सा है।


नई प्रणाली से जुड़े विवाद और चर्चाएं
हालांकि, इस प्रस्ताव की आलोचना भी हो रही है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव विकासशील देशों के मध्यमवर्गीय पेशेवरों के अवसरों को सीमित कर सकता है। साथ ही, यह नीति अमेरिका के 'ओपन वर्कफोर्स' सिद्धांत के खिलाफ भी मानी जा रही है।