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HRA क्लेम के नियमों में बदलाव: जानें नई जानकारी

यदि आप किराए के घर में रहते हैं और HRA का लाभ उठाते हैं, तो आपके लिए यह जानना आवश्यक है कि HRA क्लेम करने के नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। नए ITR फॉर्म में आपको अतिरिक्त जानकारी प्रदान करनी होगी, जिसमें मकान मालिक का पैन कार्ड भी शामिल है। जानें कब पैन देना अनिवार्य है और क्या अन्य आवश्यकताएँ हैं। इस लेख में हम विस्तार से समझाते हैं कि आपको क्या ध्यान में रखना चाहिए ताकि आप बिना किसी परेशानी के HRA का लाभ उठा सकें।
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HRA क्लेम के नियमों में बदलाव: जानें नई जानकारी

HRA क्लेम के नियमों में बदलाव


HRA क्लेम के नियमों में बदलाव: यदि आप किराए के आवास में रहते हैं और हाउस रेंट अलाउंस (HRA) का लाभ उठाते हैं, तो आपके लिए यह जानकारी महत्वपूर्ण है। HRA क्लेम करने के लिए नियमों में कुछ परिवर्तन किए गए हैं। अब आपको नए ITR-1 और ITR-4 फॉर्म में अतिरिक्त जानकारी प्रदान करनी होगी।


कई लोगों के मन में यह प्रश्न है कि क्या मकान मालिक का पैन कार्ड देना अनिवार्य है। आइए इस बदलाव को विस्तार से समझते हैं ताकि आप बिना किसी कठिनाई के HRA का लाभ उठा सकें और टैक्स बचत का पूरा फायदा उठा सकें।


कब मकान मालिक का पैन देना अनिवार्य है?

कुछ परिस्थितियों में मकान मालिक का पैन कार्ड देना आवश्यक है। यह नियम आपकी HRA छूट से सीधे जुड़ा है:



  • यदि आपका मासिक किराया ₹8,333 से कम है, तो मकान मालिक का पैन नंबर देने की आवश्यकता नहीं है।

  • यदि मासिक किराया ₹8,333 से ₹50,000 के बीच है, तो आपको मकान मालिक का पैन नंबर देना होगा।

  • यदि आपका मासिक किराया ₹50,000 से अधिक है, तो आपको मकान मालिक का पैन नंबर देने के साथ-साथ किराए पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) भी काटनी होगी।

  • यदि मकान मालिक के पास पैन कार्ड नहीं है, तो आपको हलफनामा देना होगा।

  • यदि आप सालाना ₹1 लाख से अधिक किराया देते हैं, तो मकान मालिक का पैन नंबर देना अनिवार्य है।

  • यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको HRA का लाभ नहीं मिलेगा।


गलत पैन नंबर देने पर आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है और HRA का लाभ समाप्त हो सकता है।


पहले ऑनलाइन ITR फॉर्म में HRA की जानकारी के लिए अलग से स्थान नहीं था, लेकिन इस वर्ष के बदलाव के कारण अब यह जानकारी विशेष रूप से देनी होगी।


नए ITR फॉर्म में क्या बदलाव हुए हैं

नए ITR एक्सेल फॉर्म में HRA क्लेम करने वालों को निम्नलिखित जानकारी देनी होगी:



  • आपको अपने नियोक्ता से HRA के रूप में मिली राशि।

  • आपने साल भर में मकान मालिक को दिया गया कुल किराया।

  • आयकर अधिनियम की धारा 17(1) के तहत आपके मूल वेतन और अन्य भत्तों का विवरण।


पैन कार्ड क्यों मांगा जा रहा है?

सरकार का यह कदम किराए के लेन-देन पर नज़र रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए है कि यदि आप किराए से आय अर्जित कर रहे हैं, तो आप उस पर टैक्स दे रहे हैं या नहीं। इससे कर चोरी को रोकने और प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी।


HRA क्लेम करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

यदि आपका मासिक किराया ₹8,333 से कम है, तो मकान मालिक का पैन नंबर देने की आवश्यकता नहीं है।


यदि मासिक किराया ₹8,333 से ₹50,000 के बीच है, तो आपको मकान मालिक का पैन नंबर देना होगा।


यदि मासिक किराया ₹50,000 से अधिक है, तो आपको मकान मालिक का पैन नंबर देने के साथ-साथ किराए पर TDS भी काटनी होगी।


यदि मकान मालिक के पास पैन कार्ड नहीं है, तो आपको उसका नाम और पता लिखकर हलफनामा देना होगा। लेकिन, यदि उसके पास पैन है और वह पैन नहीं दे रहा है, तो आपको HRA का लाभ नहीं मिलेगा।