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ICICI बैंक ने UPI लेनदेन पर नए शुल्क की घोषणा की

ICICI बैंक ने 1 अगस्त, 2025 से UPI लेनदेन पर शुल्क लगाने का निर्णय लिया है। यह नया नियम डिजिटल लेनदेन की लागत को प्रभावित कर सकता है। बैंक ने प्रत्येक लेनदेन पर 2 बेसिस पॉइंट का शुल्क निर्धारित किया है, जबकि एस्क्रो खाता रखने वाले पेमेंट एग्रीगेटर्स पर अलग शुल्क लागू होगा। जानें इस निर्णय के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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UPI लेनदेन पर ICICI बैंक का नया नियम

अगर आप UPI के माध्यम से भुगतान करते हैं, तो आपके लिए यह जानकारी महत्वपूर्ण है। ICICI बैंक, जो देश के प्रमुख निजी बैंकों में से एक है, ने UPI लेनदेन के लिए एक नया नियम लागू किया है, जो 1 अगस्त, 2025 से प्रभावी होगा। इस नियम के तहत, ICICI बैंक पेमेंट एग्रीगेटर्स से UPI लेनदेन पर शुल्क वसूल करेगा, जिससे डिजिटल लेनदेन की लागत प्रभावित हो सकती है। पहले, Yes Bank और Axis Bank ने भी इसी तरह के शुल्क लागू किए थे।


ICICI बैंक ने प्रत्येक UPI लेनदेन पर 2 बेसिस पॉइंट (0.02%) शुल्क लगाने का निर्णय लिया है। इसका अर्थ है कि यदि आप 10,000 रुपये का लेनदेन करते हैं, तो आपको 2 रुपये का शुल्क देना होगा। हालांकि, इस शुल्क की अधिकतम सीमा 6 रुपये प्रति लेनदेन निर्धारित की गई है।


यह शुल्क केवल उन पेमेंट एग्रीगेटर्स पर लागू होगा जिनके पास ICICI बैंक में 'एस्क्रो अकाउंट' है। यदि एग्रीगेटर का एस्क्रो खाता नहीं है, तो उन पर 4 बेसिस पॉइंट (0.04%) का शुल्क लगेगा, जो प्रति लेनदेन अधिकतम 10 रुपये होगा। इसका मतलब है कि 10,000 रुपये के लेनदेन पर 4 रुपये का शुल्क लिया जाएगा, लेकिन इससे अधिक नहीं।


भुगतान एग्रीगेटर्स वे कंपनियाँ हैं जो ऑनलाइन व्यापारियों को ग्राहकों से भुगतान प्राप्त करने में सहायता करती हैं। फ़ोनपे, पेटीएम, और रेज़रपे जैसे नामी एग्रीगेटर्स में शामिल हैं। ICICI बैंक का यह शुल्क केवल उन UPI लेनदेन पर लागू होगा जो सीधे ICICI बैंक के 'व्यापारी खाते' में जमा नहीं होते हैं। यदि व्यापारी का खाता ICICI बैंक में है, तो यह शुल्क नहीं लिया जाएगा।


बैंक इस शुल्क को लागू करने का निर्णय इसलिए ले रहे हैं क्योंकि उन्हें UPI लेनदेन को संसाधित करने में बढ़ती तकनीकी और परिचालन लागत का सामना करना पड़ रहा है। यस बैंक और एक्सिस बैंक ने पहले ही इस तरह के शुल्क लेना शुरू कर दिया था। ICICI बैंक के इस कदम से पेमेंट एग्रीगेटर्स पर लागत का दबाव बढ़ सकता है। कुछ एग्रीगेटर्स इस लागत को खुद वहन कर सकते हैं, लेकिन यदि अन्य बड़े बैंक भी इसी तरह का शुल्क वसूलना शुरू करते हैं, तो यह लागत अंततः व्यापारियों या ग्राहकों पर डाल दी जा सकती है।


हालांकि, वर्तमान में ग्राहकों के लिए UPI लेनदेन मुफ्त है क्योंकि सरकार और RBI ने 'मर्चेंट डिस्काउंट रेट' को शून्य पर रखा है। लेकिन भविष्य में इसकी समीक्षा की जा सकती है। ICICI बैंक के इस निर्णय ने डिजिटल भुगतान की भविष्य की लागतों पर चर्चा को जन्म दिया है।