IndiGo विमान की लैंडिंग में तकनीकी खामी: क्या है आगे की योजना?
IndiGo लैंडिंग में तकनीकी समस्या
IndiGo Landing Malfunction: चेन्नई एयरपोर्ट पर 8 मार्च को इंडिगो एयरबस A321 के पिछले हिस्से का रनवे से टकराने की घटना ने हड़कंप मचा दिया। इस घटना के बाद विमान को ग्राउंड कर दिया गया है। एयरलाइन ने बताया कि विमान को फिर से उड़ान के लिए तैयार करने से पहले आवश्यक मरम्मत और मंजूरी ली जाएगी। इस मामले में नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने जांच शुरू कर दी है।
इंडिगो की सुरक्षा प्राथमिकता
इंडिगो एयरलाइंस ने यात्रियों से हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया है और कहा है कि उनकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। एयरलाइन ने यह भी स्पष्ट किया कि वे उच्चतम सुरक्षा मानकों का पालन करती हैं और इस मामले में सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
पिछले मामलों का संदर्भ
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब इंडिगो के विमान के साथ ऐसी समस्या आई है। पिछले साल सितंबर में भी एक इंडिगो A321 विमान का टेल स्ट्राइक हुआ था, जब वह दिल्ली से बेंगलुरु की उड़ान पर था। उस समय फ्लाइट क्रू को जांच पूरी होने तक रोस्टर से हटा दिया गया था।
2023 में, छह महीनों में चार टेल स्ट्राइक घटनाओं के चलते डीजीसीए ने इंडिगो पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। ऑडिट में इंडिगो की प्रशिक्षण और इंजीनियरिंग प्रक्रियाओं में कई खामियां पाई गई थीं, जिससे यह सवाल उठता है कि बार-बार ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं?
जांच और भविष्य की योजनाएं
अब आगे क्या?
डीजीसीए इस घटना की गहन जांच कर रही है। यह देखा जाएगा कि लैंडिंग में पायलट की गलती थी, तकनीकी समस्या थी, या फिर कोई अन्य कारण जिम्मेदार है। इंडिगो को अपनी सुरक्षा प्रक्रियाओं में और अधिक पारदर्शिता लानी होगी ताकि यात्रियों का विश्वास बना रहे। अब यह देखना होगा कि जांच का परिणाम क्या निकलता है और इंडिगो एयरलाइंस इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाती है।