IndiGo की उड़ानें रद्द: यात्रियों का गुस्सा और DGCA की सख्ती
नई दिल्ली में IndiGo का परिचालन संकट
नई दिल्ली : देश की प्रमुख एयरलाइन IndiGo का परिचालन संकट गुरुवार को भी जारी रहा, जिसका सीधा प्रभाव यात्रियों पर पड़ा। एयरलाइन ने एक ही दिन में 550 से अधिक उड़ानें रद्द कीं, जबकि दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में 191 उड़ानें प्रभावित हुईं। लंबी कतारें, घंटों तक इंतजार और जानकारी की कमी के कारण यात्रियों को हवाई अड्डों पर भारी अव्यवस्था का सामना करना पड़ा। बढ़ते विरोध और DGCA की सख्ती के बीच IndiGo ने एक आधिकारिक बयान जारी कर मौजूदा स्थिति पर खेद व्यक्त किया और सेवाओं को जल्द सामान्य करने का आश्वासन दिया।
48 घंटों में नेटवर्क में भारी व्यवधान
पिछले दो दिनों में पूरे नेटवर्क में भारी व्यवधान
IndiGo ने बताया कि पिछले 48 घंटों में उसके नेटवर्क में असामान्य व्यवधान उत्पन्न हुए, जिससे उड़ान संचालन पर गंभीर प्रभाव पड़ा। कंपनी ने कहा कि वह मंत्रालय (MOCA), DGCA, BCAS, AAI और विभिन्न एयरपोर्ट ऑपरेटरों के साथ लगातार समन्वय कर रही है ताकि स्थिति को जल्द से जल्द ठीक किया जा सके। एयरलाइन ने यात्रियों से उड़ान की नवीनतम स्थिति की जांच करने की अपील भी की। सामान्य दिनों में IndiGo लगभग 3.8 लाख यात्रियों को सेवाएँ देती है और 2,300 उड़ानें संचालित करती है, लेकिन नवंबर में कंपनी को 1,232 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और कई उड़ानें घंटों देरी से चलीं।
DGCA की फटकार और जांच का आदेश
DGCA ने IndiGo को लगाई फटकार
लगातार गिरते प्रदर्शन पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयरलाइन को फटकार लगाते हुए जांच का आदेश दिया और व्यवधान के कारणों की विस्तृत जानकारी मांगी। IndiGo की रिपोर्ट के अनुसार, रद्द की गई 1,232 उड़ानों में से 755 उड़ानें स्टाफ की कमी के कारण प्रभावित हुईं, जबकि ATC फेलियर से 92 उड़ानें, एयरपोर्ट प्रतिबंधों से 258 उड़ानें और विभिन्न अन्य कारणों से 127 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। DGCA ने IndiGo को सेवा गुणवत्ता सुधारने, अधिक क्रू की भर्ती करने और बेहतर परिचालन योजना लागू करने के निर्देश दिए हैं।
यात्रियों की नाराजगी और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
सोशल मीडिया पर यात्री भड़के, शिकायतों की बाढ़
उड़ानों के बड़े पैमाने पर प्रभावित होने से यात्रियों का गुस्सा सोशल मीडिया पर फूट पड़ा। कई यात्रियों ने एयरलाइन पर समय पर सूचना न देने, टिकट रिफंड प्रक्रियाएँ धीमी होने और रीबुकिंग में देरी को लेकर नाराजगी जताई। वीडियो और तस्वीरों के माध्यम से लोगों ने एयरलाइन के प्रबंधन पर सवाल उठाए। इस बीच IndiGo के सीईओ पीटर एल्बर्ट का एक ईमेल भी वायरल हुआ जिसमें उन्होंने चल रहे संकट पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे कई परिचालन समस्याओं के संयोजन का परिणाम बताया।
तकनीकी खामियों और नए नियमों का प्रभाव
तकनीकी खामियां, मौसम और नई नियमावली का असर
सीईओ के अनुसार, मामूली तकनीकी दिक्कतें, नियमित शेड्यूल में बदलाव, खराब मौसम, एविएशन सिस्टम में बढ़ती भीड़भाड़ और नई FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) नियमावली ने मिलकर परिचालन दबाव बढ़ाया। उन्होंने स्वीकार किया कि एयरलाइन अपने यात्रियों को अपेक्षित सेवा अनुभव नहीं दे सकी और इसके लिए कंपनी ने सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी है।
संकट से बाहर निकलने की कोशिश
संकट से बाहर निकलने की कोशिश में जुटी एयरलाइन
IndiGo ने दावा किया है कि वह परिचालन बहाली के लिए युद्धस्तर पर कदम उठा रही है। एयरलाइन ने कहा कि DGCA के निर्देशों का पालन करते हुए वह स्टाफ की कमी दूर करेगी, प्रबंधन में सुधार लाएगी और उड़ान अनुसूची को स्थिर करने पर फोकस करेगी। फिलहाल यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी उड़ानों की स्थिति लगातार जांचें और आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ समय से पहले हवाई अड्डे पहुँचे।
