IndiGo की बढ़ती समस्याओं पर सरकार का सख्त रुख: यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि
IndiGo की मनमानी पर सरकार की चिंता
देश की प्रमुख एयरलाइन IndiGo की बढ़ती मनमानी और यात्रियों को हो रही कठिनाइयों ने केंद्र सरकार को गंभीर चिंता में डाल दिया है। हाल ही में IndiGo के संचालन में आई गड़बड़ियों ने यात्रियों को परेशान किया, और नागरिक उड्डयन नियामक संस्था DGCA की निष्क्रियता ने सरकार को और भी चिंतित किया है।
सख्त कदम उठाने की तैयारी
सरकारी सूत्रों के अनुसार, IndiGo के खिलाफ कठोर कदम उठाने की योजना बनाई जा रही है। एयरलाइंस सेक्टर में स्थायी निगरानी व्यवस्था लागू करने पर जोर दिया जा रहा है, जिसमें किराए में मनमानी और परिचालन में अव्यवस्थाओं पर सख्त कार्रवाई शामिल होगी।
प्रधानमंत्री का कड़ा निर्देश
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इस मुद्दे पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने PM को बताया कि IndiGo की अव्यवस्थाओं ने यात्रियों को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया है कि किसी भी एयरलाइन को यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा से समझौता करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। चार सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के बाद बड़े निर्णय लिए जा सकते हैं, जिसमें IndiGo पर भारी जुर्माना और उड़ानों में कमी जैसे कदम शामिल हो सकते हैं।
सरकार का स्पष्ट संदेश
सरकार का संदेश है कि कोई भी निजी कंपनी देश पर दबाव डालकर नियमों को प्रभावित नहीं कर सकती। हालांकि, सरकार की प्राथमिकता अगले दो-तीन दिनों में IndiGo की सभी उड़ानों को सामान्य करना है, जबकि एयरलाइन ने कम से कम एक सप्ताह का समय मांगा है।
किराए और संचालन पर सख्ती
सूत्रों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के कारण सरकार सीधे किराए तय नहीं कर सकती, लेकिन एयरलाइंस द्वारा अनुचित लाभ उठाने पर रोक लगाने के लिए नई गाइडलाइंस बनाई जा सकती हैं। कोविड काल में भी किराए की सीमा तय की गई थी, और आवश्यकता पड़ने पर ऐसे कदम फिर से उठाए जा सकते हैं।
कोहरे के लिए नई व्यवस्था
सरकार ने DGCA को निर्देश दिया है कि वह अपनी निगरानी व्यवस्था को मजबूत करे और नियमित रूप से उच्च स्तर पर रिपोर्ट प्रस्तुत करे। सर्दियों में कोहरे के कारण उड़ानों में संभावित बाधाओं को देखते हुए DGCA से विशेष प्रोटोकॉल तैयार करने को भी कहा गया है।
