IndiGo संकट: केंद्रीय मंत्री ने एयरलाइंस के लिए सख्त चेतावनी दी
IndiGo की समस्याएं यात्रियों के लिए बनी मुसीबत
पिछले एक सप्ताह से IndiGo एयरलाइंस ने यात्रियों के लिए गंभीर समस्याएं उत्पन्न की हैं। हजारों उड़ानें अचानक रद्द होने और घंटों की देरी के कारण एयरपोर्ट पर अव्यवस्था का माहौल बन गया है। यात्रियों को रिफंड, नई बुकिंग और सामान लेने के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा।
केंद्र सरकार की निगरानी
केंद्र सरकार ने इस स्थिति पर लगातार नजर रखी है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने संसद में इस मुद्दे पर विस्तृत बयान दिया है, जिसमें सरकार की आगामी कार्रवाई का स्पष्ट उल्लेख किया गया है।
सरकार का सख्त रुख
संसद में चर्चा के दौरान मंत्री नायडू ने कहा कि हाल की घटनाएं पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ऐसे कदम उठाने जा रही है जिससे भविष्य में किसी भी एयरलाइन को लापरवाही करने की अनुमति न मिले। यह केवल IndiGo के लिए नहीं, बल्कि सभी एयरलाइंस के लिए एक चेतावनी है कि नियमों का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उड्डयन मंत्री का बयान
नायडू ने बताया कि यात्रियों की असुविधा को रोकने के लिए सरकार ने पहले से ही कठोर 'सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स' निर्धारित किए हैं, जिनका पालन सभी एयरलाइंस के लिए अनिवार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि उड़ानों में देरी और रद्द होने के पीछे की तकनीकी समस्याओं की जांच की जा रही है।
FDTL नियमों पर बैठक
मंत्री ने जानकारी दी कि FDTL (Flight Duty Time Limitations) नियम लागू करने से पहले 1 दिसंबर को IndiGo के साथ बैठक की गई थी, जिसमें एयरलाइन ने नियमों पर कोई आपत्ति नहीं जताई थी। इसके बावजूद, 3 दिसंबर से अचानक उड़ानें रद्द होने लगीं। सरकार ने तुरंत हस्तक्षेप कर स्थिति को संभालने की कोशिश की।
भविष्य के लिए मिसाल
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार के हस्तक्षेप के बाद पिछले दो दिनों में स्थिति में सुधार देखा गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नायडू ने कहा कि सरकार पायलटों, क्रू मेंबर्स और यात्रियों के हितों का ध्यान रखती है। एयरलाइंस को पहले ही निर्देश दिए गए थे कि वे अपने क्रू और रोस्टर प्रबंधन को मजबूत करें, लेकिन IndiGo इस मामले में असफल रहा।
