INS Arnala: भारतीय नौसेना का नया पनडुब्बी रोधी युद्धपोत

INS Arnala का नौसेना में शामिल होना
INS Arnala: भारतीय नौसेना आज 18 जून को विशाखापट्टनम में अपने पहले स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित पनडुब्बी रोधी युद्धपोत INS अर्नाला को नौसेना में शामिल करने जा रही है. यह जलयान पूर्वी नौसैनिक कमान के अधीन काम करेगा और भारतीय समुद्री सुरक्षा को नई ताकत देगा.
रक्षा मंत्रालय और नौसेना मुख्यालय ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर INS अर्नाला की विकास यात्रा की डिटेल्स शेयर की हैं. इस वीडियो पोस्ट में युद्धपोत की तकनीकी निर्माण प्रक्रिया और उसमें लगे इंजीनियरों व अधिकारियों के समर्पण को दर्शाया गया. यहां देखें पोस्ट-
#Arnala - India's first indigenously designed and built Anti Submarine Warfare Shallow Water Craft, is all set to be commissioned today, #18Jun 25.
— SpokespersonNavy (@indiannavy) June 18, 2025
We bring to you the Journey of Arnala
From Blueprint ... to A Warship pic.twitter.com/gmIEtiQ0JV
निर्माण की प्रक्रिया
GRSE और L&T के सहयोग से हुआ निर्माण
INS अर्नाला को कोलकाता स्थित गॉर्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा डिजाइन किया गया और एलएंडटी शिपयार्ड, कट्टुपल्ली में निर्मित किया गया. यह परियोजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर आधारित थी, जो भारत के रक्षा क्षेत्र में सहयोगात्मक निर्माण की सफलता को दर्शाती है.
अर्नाला का महत्व
'अर्नाला' – विरासत से प्रेरणा
यह युद्धपोत महाराष्ट्र के वसई के समीप स्थित ऐतिहासिक किले अर्नाला के नाम पर रखा गया है, जो भारत की समृद्ध समुद्री परंपरा का प्रतीक है.
- INS अर्नाला 77 मीटर लंबा है और डीजल इंजन-वॉटरजेट संयोजन से संचालित भारत का सबसे बड़ा नौसैनिक जलयान है.
- इसे कोस्टल ASW मिशन, माइन लेइंग, सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन, और लो इंटेंसिटी मैरीटाइम ऑपरेशन (LIMO) के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है.
- इस युद्धपोत में 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जो 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान का सशक्त उदाहरण है.