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INS इक्षक: भारतीय नौसेना का नया सर्वे वेसल

INS इक्षक, भारतीय नौसेना का नया सर्वे वेसल, हाल ही में शामिल किया गया है। यह जहाज विशेष रूप से महिला अधिकारियों के लिए डिज़ाइन किया गया है और समुद्र की तलहटी की सटीक मैपिंग करेगा। INS इक्षक का निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी सामग्री से किया गया है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल भारत की सामरिक ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि मित्र देशों को भी सहायता प्रदान करेगा। जानें इस जहाज की विशेषताएँ और इसके महत्व के बारे में।
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INS इक्षक का परिचय

भारतीय नौसेना ने हाल ही में INS इक्षक नामक तीसरे सर्वे वेसल को शामिल किया है। यह जहाज पहले से मौजूद INS संध्याक और INS निर्देशक के बाद आता है। INS इक्षक का निर्माण कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स द्वारा किया गया है। यह विशेष रूप से महिला नौसेना अधिकारियों और नाविकों के लिए डिज़ाइन किया गया पहला सर्वे वेसल है, जो भारतीय नौसेना में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


INS इक्षक की लंबाई 110 मीटर है और इसका वजन लगभग 3800 टन है। यह जहाज दो डीजल इंजनों से संचालित होता है और समुद्र में लगातार 25 दिन तक रह सकता है। इसकी अधिकतम गति 18 नॉटिकल मील प्रति घंटा है। यह वेसल समुद्र की तलहटी की सटीक मैपिंग करने के साथ-साथ भारत की सामरिक स्थिति को भी मजबूत करेगा।


INS इक्षक की कार्यक्षमता

समुद्र की गहराइयों में निरंतर परिवर्तन होते रहते हैं, जैसे कि सुनामी के कारण तलहटी में बदलाव या बंदरगाहों के पास गहराई में कमी। ऐसे में अद्यतन हाइड्रोग्राफिक मैप की आवश्यकता होती है। INS इक्षक अत्याधुनिक सेंसर और सैटेलाइट आधारित नेविगेशन तकनीक का उपयोग करके समुद्र की गहराई और सतह का सटीक चार्ट तैयार करेगा, जिससे सुरक्षित नेविगेशन रूट निर्धारित किए जा सकेंगे।


इसके अलावा, INS इक्षक मित्र देशों को भी सहायता प्रदान कर सकेगा। यदि कोई देश अपने एक्सक्लूसिव इकॉनॉमिक ज़ोन (EEZ) का सर्वेक्षण करवाना चाहता है, तो INS इक्षक इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम

INS इक्षक भारतीय नौसेना का 102वां जहाज है, जिसे पूरी तरह से नेवल डिजाइन ब्यूरो द्वारा विकसित किया गया है। इसमें उपयोग किया गया 80 प्रतिशत से अधिक सामान स्वदेशी है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह जहाज भारत को विदेशी तकनीक पर निर्भरता से भी मुक्ति दिलाने में सहायक होगा।


भारत का कई देशों, जैसे श्रीलंका, के साथ हाइड्रोग्राफी सर्वे का करार है। भारतीय द्वारा बनाए गए चार्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध होते हैं, जिन्हें अन्य देश भी खरीद सकते हैं। इस संदर्भ में, INS इक्षक का कमीशन होना भारत की समुद्री सुरक्षा और कूटनीतिक ताकत को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।