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IPL 2025 में बैट गेज का नया नियम: क्या बल्लेबाजों को मिल रही है अधिक बढ़त?

आईपीएल 2025 में बैट गेज नियम की शुरुआत ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। BCCI ने पहली बार मैदानी अंपायरों को बैट की जांच करने का निर्देश दिया है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या बल्लेबाजों को अधिक बढ़त मिल रही है। सनराइजर्स हैदराबाद के 287 रन के रिकॉर्ड स्कोर के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है। जानें इस नए नियम के पीछे की वजहें और गेंदबाजों की चिंताएँ।
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IPL 2025 में बैट गेज की शुरुआत

IPL 2025 बैट गेज: इस साल आईपीएल में दर्शकों को कई रोमांचक मुकाबले देखने को मिल रहे हैं, लेकिन एक नया नियम सभी का ध्यान आकर्षित कर रहा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने पहली बार मैदानी अंपायरों को विशेष 'बैट गेज' का उपयोग करके बैट की जांच करने का निर्देश दिया है। यह कदम 17 सीज़न के बाद उठाया गया है।


सनराइजर्स हैदराबाद का रिकॉर्ड स्कोर

सनराइजर्स हैदराबाद ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ 287 रन बनाकर लीग का सर्वोच्च स्कोर बनाया, जिसके बाद यह चर्चा तेज हो गई कि क्या बल्लेबाज oversized बैट का उपयोग कर रहे हैं। इस संदर्भ में, BCCI ने आईपीएल 2025 में नई निगरानी नीति लागू की है।


बैट गेज की प्रक्रिया

बैट गेज क्या है?


इस सीजन में शिमरोन हेटमायर, फिल सॉल्ट और हार्दिक पंड्या जैसे खिलाड़ियों के बैट की ऑन-फील्ड जांच की गई है। अंपायरों ने लाइव टीवी पर 'होम-शेप्ड बैट गेज' का उपयोग करके यह सुनिश्चित किया कि बैट निर्धारित मापदंडों से बड़े न हों। अब तक किसी भी बल्लेबाज का बैट तय सीमाओं से बाहर नहीं पाया गया है।


आईसीसी के नियमों के अनुसार, बैट की चौड़ाई 4.25 इंच (10.8 सेमी), गहराई 2.64 इंच (6.7 सेमी) और किनारे 1.56 इंच (4.0 सेमी) से अधिक नहीं होने चाहिए। बैट को बैट गेज से आसानी से गुजरना चाहिए।


मैदान पर जांच की अनिवार्यता

मैदान पर उतरने से पहले जांच अनिवार्य


एक पूर्व अंपायर ने बताया कि पहले पारी शुरू होने से पहले ड्रेसिंग रूम में बैट की जांच की जाती थी। अब हर बल्लेबाज के मैदान पर उतरने से पहले जांच अनिवार्य कर दी गई है।


स्कोरिंग ट्रेंड और गेंदबाजों की चिंता

बढ़ता स्कोरिंग ट्रेंड है वजह?


आईपीएल 2025 में अब तक 12 बार टीमों ने 200 से अधिक रन बनाए हैं। पिछले सीजन में SRH ने तीन बार 260 से अधिक रन बनाए थे, जबकि इस बार उन्होंने 287 का स्कोर बनाया है। इस बढ़ते स्कोरिंग ट्रेंड ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बल्लेबाजों को अत्यधिक बढ़त मिल रही है?


गुजरात टाइटंस के तेज गेंदबाज कगिसो रबाडा ने इस चिंता को उठाया था कि खेल में संतुलन होना चाहिए ताकि गेंदबाजों को भी बराबर का मौका मिले।


बड़े बैट और गेंदबाजों की चुनौतियाँ

बड़े बैट गेंदबाजों के लिए चुनौती


भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि गेंदबाजों को जल्द ही निजी मनोचिकित्सक की जरूरत पड़ेगी। शार्दुल ठाकुर ने भी इस मुद्दे को उठाया है कि बल्लेबाजों को मिलने वाली तकनीकी सुविधाएं और बड़े बैट गेंदबाजों के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं।


BCCI के नए नियम

गेंदबाजों के समर्थन में BCCI के नए नियम


BCCI ने इस सीजन में गेंदबाजों को राहत देने के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं। अब खिलाड़ियों को रिवर्स स्विंग के लिए फिर से सलाइवा (लार) के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है, जो COVID-19 के बाद प्रतिबंधित था। इसके अलावा, दूसरी पारी में एक नया गेंद (second new ball) दिए जाने की अनुमति भी दी गई है, जिससे गेंदबाजों को नई गेंद से अधिक स्विंग और गति मिले।