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ISRO के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने किए चार महत्वपूर्ण प्रयोग, बाकी तीन अंतिम चरण में

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने चार महत्वपूर्ण माइक्रोग्रैविटी प्रयोग सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। शेष तीन प्रयोग अंतिम चरण में हैं। शुभांशु की वापसी 14 जुलाई को होने की उम्मीद है। जानें इन प्रयोगों के बारे में और उनकी वैज्ञानिक महत्वता के बारे में।
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ISRO के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने किए चार महत्वपूर्ण प्रयोग, बाकी तीन अंतिम चरण में

शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष मिशन

शुभांशु शुक्ला: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा संचालित सात माइक्रोग्रैविटी प्रयोगों में से चार को अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। शुभांशु वर्तमान में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर Axiom-4 (Ax-4) मिशन का हिस्सा हैं, और शेष तीन प्रयोग भी अंतिम चरण में पहुंच चुके हैं।


ISRO ने यह जानकारी दी है कि शुभांशु शुक्ला 14 जुलाई को दोपहर 4:35 बजे ISS से अनडॉक कर सकते हैं। ये प्रयोग वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं और इन्हें धरती पर गहन विश्लेषण के लिए भेजा जाएगा।


पूरा किया गया चार महत्वपूर्ण प्रयोग

ISRO ने बताया, "इन प्रयोगों को अब आगे के विश्लेषण के लिए पृथ्वी पर वापस लाने के लिए पैक किया जा रहा है।"



  1. टार्डिग्रेड्स (बेंगलुरु स्ट्रेन): इस प्रयोग में माइक्रोग्रैविटी में टार्डिग्रेड्स के जीवन, पुनर्जीवन, प्रजनन और जीन अभिव्यक्ति में बदलावों का अध्ययन किया गया।


  2. मायोजेनेसिस: यह प्रयोग यह जानने के लिए किया गया कि अंतरिक्ष की स्थिति मानव मांसपेशियों की कोशिकाओं के विकास को कैसे प्रभावित करती है।


  3. मेथी और मूंग के बीजों का अंकुरण: इस प्रयोग में इन बीजों के स्प्राउटिंग व्यवहार का अध्ययन किया गया, जो भविष्य में अंतरिक्ष में पोषण और खाद्य सुरक्षा के लिए उपयोगी हो सकता है।


  4. सायनोबैक्टीरिया: इसमें दो किस्मों के सायनोबैक्टीरिया की वृद्धि को ट्रैक किया गया, जिससे यह समझा जा सके कि ये भविष्य में क्लोज्ड-लूप लाइफ सपोर्ट सिस्टम्स में कैसे सहायक हो सकते हैं।



अंतिम चरण में तीन प्रयोग


  1. माइक्रोएल्गी (Microalgae): इस प्रयोग में यह जांचा जा रहा है कि माइक्रोएल्गी अंतरिक्ष में कितनी जीवित रह सकती है और इसका संभावित उपयोग क्या हो सकता है।


  2. फसल बीज (Crop Seeds): यह अध्ययन यह समझने के लिए किया जा रहा है कि फसल के बीज माइक्रोग्रैविटी की परिस्थितियों में किस प्रकार प्रतिक्रिया करते हैं।


  3. वॉयेजर डिस्प्ले (Voyager Display): इस प्रयोग के बारे में फिलहाल विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह वैज्ञानिक पेलोड का हिस्सा है और इसका भी पृथ्वी पर विश्लेषण किया जाएगा।



शुभांशु की वापसी पर नजरें

अब जब 7 में से 4 प्रयोग पूरे हो चुके हैं और बाकी तीन अंतिम चरण में हैं, तो सभी की निगाहें शुभांशु शुक्ला की वापसी पर टिकी हैं। उम्मीद है कि 14 जुलाई को वे ISS से अनडॉक कर धरती की ओर प्रस्थान करेंगे।