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John Bolton की चेतावनी: Trump की टैरिफ नीति से भारत-अमेरिका संबंधों पर पड़ सकता है नकारात्मक असर

पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने राष्ट्रपति ट्रंप की भारत पर टैरिफ नीति की आलोचना की है, इसे अनुचित बताते हुए कहा कि इससे भारत और अमेरिका के संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने ट्रंप के कार्यकाल को अस्थायी मानते हुए भारत को दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी। बोल्टन ने यह भी कहा कि ट्रंप की नीतियां न केवल भारत के लिए, बल्कि अन्य साझेदारों के लिए भी असंगत हैं। जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बोल्टन की पूरी राय।
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John Bolton की चेतावनी: Trump की टैरिफ नीति से भारत-अमेरिका संबंधों पर पड़ सकता है नकारात्मक असर

ट्रंप की टैरिफ नीति पर बोल्टन की आलोचना

Trump Tariffs on India: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत पर लागू की गई टैरिफ नीति की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे अनुचित बताते हुए कहा कि यह ट्रंप के असंगत व्यवहार का एक उदाहरण है। बोल्टन ने चेतावनी दी कि इस तरह के कदम वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच संबंधों को प्रभावित कर सकते हैं।


भारत-पाकिस्तान शांति पर ट्रंप का दावा

बोल्टन ने यह भी कहा कि ट्रंप का यह दावा कि उन्होंने पाहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित की, सही नहीं है। भारत ने हमेशा स्पष्ट किया है कि यह समझौता दोनों देशों के मिलिट्री ऑपरेशन डायरेक्टर्स (DGMO) के बीच सीधी वार्ता का परिणाम था।


टैरिफ और रूस से व्यापार पर असंगति

टैरिफ और रूस से तेल और हथियारों की खरीद पर असंगति


एक इंटरव्यू में बोल्टन ने कहा कि भारत पर भारी टैरिफ लगाने का ट्रंप का निर्णय असंगत है। उन्होंने बताया कि चीन, तुर्की और पाकिस्तान जैसे बड़े खरीदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। बोल्टन ने कहा, "मुझे लगता है कि वाशिंगटन में इस बात को लेकर चिंता थी कि टैरिफ मुद्दे और कश्मीर में आतंकवादी हमले के बाद शांति लाने का श्रेय ट्रंप द्वारा लेना अनुचित था।"


पिछले महीने, ट्रंप प्रशासन ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 25% प्रतिशोधात्मक टैरिफ और रूस से ऊर्जा व्यापार पर अतिरिक्त 25% शुल्क की घोषणा की थी। बोल्टन ने कहा कि ये उपाय सामान्य व्यापार वार्ता का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के खिलाफ ट्रंप की नीतियों का परिणाम हैं।


भारत को दी गई रणनीतिक सलाह

भारत को दी गई रणनीतिक सलाह


बोल्टन ने भारत को सलाह दी कि उसे अमेरिकी संबंधों में दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रंप का कार्यकाल केवल तीन-चार साल का है, और इस दौरान भारत को अपने राष्ट्रीय हित के अनुसार निर्णय लेने चाहिए। उन्होंने कहा, "भारत को ट्रंप को एक अस्थायी कारक के रूप में देखना चाहिए और अपने राष्ट्रीय हित के अनुरूप निर्णय लेना चाहिए।"


उन्होंने भारत सरकार की शांत और परिपक्व प्रतिक्रिया की सराहना की और कहा कि सार्वजनिक टकराव से बचना और बैक-चैनल कूटनीति अपनाना सबसे प्रभावी तरीका है।


ट्रंप की रणनीति पर सवाल

ट्रंप की रणनीति पर सवाल


बोल्टन ने कहा कि ट्रंप की नीतियां न केवल भारत बल्कि अन्य करीबी साझेदारों के प्रति भी असंगत हैं। यह घरेलू राजनीतिक लाभ के लिए केवल एक नाटकीय प्रदर्शन है। उनका मानना है कि ऐसे कदमों ने अमेरिका की विश्वसनीयता को कमजोर किया है।


बोल्टन ने भारत से कहा कि उसे दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और ट्रंप के कार्यकाल के दौरान होने वाले नुकसान को न्यूनतम करते हुए भविष्य में संबंधों को फिर से मजबूत करना चाहिए।