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जीवन में शांति और आनंद संभव  : प्रेम रावत

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जीवन में शांति और आनंद संभव  : प्रेम रावत


जीवन में शांति और आनंद संभव  : प्रेम रावत


रायपुर 24 फ़रवरी (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं शांति दूत प्रेम रावत ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित सेंटर में रविवार की देर रात एक विशाल जनसमूह को संबोधित किया। उनको सुनने के लिए छत्तीसगढ़ के अलावा झारखण्ड, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा आदि राज्यों से बड़ी संख्या में श्रोता आये थे। प्रेम रावत ने अपने सम्बोधन की शुरुआत में कहा कि रायपुर का यह कार्यक्रम सुनने और समझने का एक बहुत सुंदर अवसर है। उन्होंने समझाया कि संसार का हर व्यक्ति– चाहे वह कोई भी हो, कहीं भी रहता हो, वह तीन कानूनों से बंधा हुआ है– एक दिन हम इस संसार में आये थे, अभी हम जीवित हैं और एक दिन हमें इस संसार से जाना होगा। संस्था के राजविद्या केन्द्र की मीडिया प्रभारी नीलिमा तिवारी ने साेमवार शाम काे विज्ञप्ति जारी कर कार्यक्रम की जानकारी दी।

सभा काे संबाेधित करते हुए प्रेम रावत ने समझाया कि एक गंगा प्रयागराज में स्थित है, जहां पहुंचने के लिए सबको वहां तक जाना पड़ता है, लेकिन एक गंगा ऐसी भी है, जो हमारे अंदर की गंगा है। इस अंदर की गंगा में डुबकी लगाने के लिए, हमें कहीं जाने की जरूरत नहीं है, सिर्फ अपने अंदर जाने की जरूरत है।

प्रेम रावत ने समझाया कि हमारे सामने दो रास्ते होते हैं– पहला श्रेय– जो सही है उसे चुनना। दूसरा प्रेय– जो अच्छा लगे उसे चुनना। उन्होंने समझाया कि मनुष्य सही क्या है उसे नहीं चुनता। वह उस रास्ते को चुनता है जो उसे पसंद आता है, फिर चाहे वह सही न भी हो और इस लिए संसार की यह हालत हो गयी है।

उन्होंने मनुष्य जीवन में स्वांस के महत्व को समझाते हुए कहा कि “यह जो स्वांस आ रहा है, जा रहा है, यह भगवान की कृपा है और जब तक यह आ रहा है, जा रहा है तुम जीवित हो। तुम इस बात का निर्णय ले सकते हो कि तुम्हारी जिंदगी में क्या होना चाहिए। जब तक तुम जीवित हो अपने जीवन में यह निर्णय ले सकते हो कि मैं उस आनंद का अनुभव करना चाहता हूं, जो मेरे अंदर है। अगर तुमने यह निर्णय ले लिया कि तुम उस आनंद का अनुभव करना चाहते हो, तब मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं।”

उन्होंने अपने सम्बोधन के अंत में कहा कि इस जीवन में जो भी होता है, वह तुम्हारी मर्ज़ी से होता है, इसलिए कुछ भी करो, सोच समझ कर करो। तुम अपना जीवन आनंद से भर सकते हो। सबके अंदर वह शांति और आनंद है जिसका सब अनुभव कर सकते हैं।

उल्लेखनीय हैे कि 1970 के दशक में एक बाल प्रतिभा और युवा आइकन के रूप में शुरुआत करने वाले प्रेम रावत ने लोगों को स्पष्टता, प्रेरणा और जीवन के प्रति गहरी समझ दी है। एक विश्व शांतिदूत की भूमिका के रूप में उन्होंने करोड़ों लोगों को प्रभावित किया है। आज उनका संदेश 110 से अधिक देशों में सुना जाता है, जहां वे हर व्यक्ति को आशा और शांति का संदेश देकर आंतरिक सुख और शांति का व्यावहारिक मार्ग दिखा रहे हैं।

उनके कार्यों को दुनियाभर में सराहना मिली है, जिसमें एक लेखक के पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में सबसे अधिक श्रोताओं की उपस्थिति दर्ज करने के लिए (114,704 लोग “स्वयं की आवाज” के पढ़ने में) और सम्बोधन में सबसे बड़ी दर्शको की संख्या (375,603 लोग) के लिए दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड शामिल हैं। ये दोनों रिकॉर्ड 2023 में स्थापित किए गए। उन्हें 20 से अधिक प्रमुख शहरों की सम्मान चाबियां और कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें 2012 का प्रतिष्ठित ‘एशिया पैसिफिक ब्रांड लॉरिएट लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ शामिल है। इससे पहले यह अवॉर्ड नोबेल पीस प्राइज विजेता नेल्सन मंडेला और स्टीव जॉब्स को प्रदान किया गया है।

एक लेखक होने के अलावा, प्रेम रावत “द प्रेम रावत फाउंडेशन” के संस्थापक भी हैं। यह संस्था भोजन, पानी और शांति जैसी बुनियादी मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने का कार्य करती है। इसकी “जन भोजन” पहल भारत, नेपाल, घाना और दक्षिण अफ्रीका में प्रतिदिन जरूरतमंद बच्चों और बीमार वयस्कों को पौष्टिक भोजन प्रदान करती है। उनके व्याख्यानों पर आधारित “पीस एजुकेशन प्रोग्राम” 1,400 से अधिक शैक्षिक एवं अन्य संस्थानों में दिखाया जाता है, जिससे 5 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया है। यह कार्यक्रम 1,000 से अधिक जेलों में भी चल रहा है, जिसके प्रभाव से कैदियों में दोबारा अपराध करने की संभावना कम पायी गई है।

वर्ष 2023 में प्रेम रावत ने टीवी, प्रिंट और रेडियो सहित विभिन्न मीडिया माध्यमों से 91.6 करोड़ लोगों तक अपना संदेश पहुंचाया। उनकी किताबें “स्वयं की आवाज़” और ”शांति संभव है” दुनियाभर में सराही गई हैं। प्रेम रावत केवल एक वक्ता या लेखक ही नहीं बल्कि एक आविष्कारक, संगीतकार, कलाकार, फोटोग्राफर और कुशल जेट व हेलीकॉप्टर पायलट भी हैं l

प्रेम रावत के कार्यों को सरकारों, गैर-लाभकारी संगठनों, व्यापारिक संस्थानों और दुनिया भर के नागरिक संगठनों द्वारा स्वीकार किया गया है। --------

हिन्दुस्थान समाचार / गेवेन्द्र प्रसाद पटेल